उमंग सिंघार ने मीडिया से बात करते हुए इस स्थिति को हास्यास्पद बताया। उन्होंने कहा, "यह बड़ी हास्यास्पद बात है कि अगर विधानसभा अध्यक्ष को कोई लिखित सूचना दी जा रही है और उसके बाद वह विधानसभा में गुम हो जाती है।" उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को दोबारा पूरी जानकारी के साथ याचिका भेजने की बात की और कहा कि कांग्रेस इस मामले को लेकर हाईकोर्ट जाएगी।
उमंग सिंघार ने आरोप लगाया कि विधायक निर्मला सप्रे भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) की बैठकों में शामिल हो रही हैं और पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं। उन्होंने कहा, "हमारी याचिका का आधार है कि वे पार्टी विरोधी गतिविधियों में पूरी तरह से शामिल हैं। इसलिए हम हाईकोर्ट में याचिका दायर कर रहे हैं।"
इस पर विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह ने उमंग सिंघार के आरोपों को खारिज करते हुए कहा, "कोई कागज गुम नहीं हुए हैं। विधानसभा अध्यक्ष ने याचिका की जांच के लिए दस्तावेज मांगे होंगे। कागज गुम होने की बात गलत है।"
निर्मला सप्रे ने लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा का दुपट्टा पहनकर बीजेपी में शामिल होने का संकेत दिया था। हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट किया है कि वह अभी भाजपा की सदस्यता नहीं ली हैं। हाल ही में वे बीजेपी के संगठन पर्व कार्यशाला में भी शामिल हुईं थीं, लेकिन उन्होंने अपनी कांग्रेस सदस्यता को कायम रखने का दावा किया है।
यह मामला प्रदेश की राजनीति में तूल पकड़ता जा रहा है, और दोनों पक्षों की तरफ से आरोप-प्रत्यारोप जारी हैं।