Jabalpur News: बल्देवबाग चौक बना शराबियों और जुआरियों का अड्डा ; देखे वीडियो

दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। शहर के मध्य स्थित बल्देवबाग चौक इन दिनों शराबियों और जुआरियों का सुरक्षित अड्डा बन चुका है। ताजा वायरल हुए एक वीडियो ने प्रशासन की आंखें खोल दी हैं, जिसमें कुछ युवक खुलेआम डिवाइडर पर बैठकर शराब पीते और जुआ खेलते नजर आ रहे हैं। यह सब कुछ उस समय हो रहा था जब चौराहे से कुछ ही दूरी पर पुलिस वाहन चेकिंग कर रहा था ङ्क मगर इन गैरकानूनी गतिविधियों पर न कोई कार्रवाई की गई और न कोई टोका-टोकी। शहर को स्मार्ट सिटी बनाने की तमाम बातें इस चौक पर आकर दम तोड़ देती हैं, जहां कानून का खौफ नहीं, बल्कि लापरवाही और अराजकता का बोलबाला है।

स्थानीयों में आक्रोश, कार्रवाई की उठी मांग

बल्देवबाग के निवासी समीर शर्मा ने कहा हर शाम रानीताल से बल्देवबाग तक शराबियों का कब्ज़ा रहता है। हुल्लड़बाज़ी, गाली-गलौज, सड़क पर गाड़ियों खड़ी कर ट्रैफिक रोकना ये सब अब रोज की बात हो गई है। पुलिस को सब दिखता है, पर कुछ नहीं होता। स्थानीय निवासियों और दुकानदारों ने मांग की है कि रात में शराब दुकान की समय सीमा तय की जाए। सड़क पर खड़े वाहनों की सख्त निगरानी हो। डिवाइडर व सार्वजनिक स्थलों पर शराब पीने वालों पर कड़ी कार्रवाई हो। नियमित गश्त बढ़ाई जाए।

प्रशासन मौन, सवाल कायम

अब तक न तो नगर निगम ने सफाई को लेकर कोई पहल की है, और न ही पुलिस ने इन गतिविधियों पर कोई कार्रवाई की है। वायरल वीडियो के बावजूद प्रशासन की चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है-क्या यह चुप्पी अनदेखी है, या फिर कहीं कोई मिलीभगत ? शहरवासी अब सिर्फ कार्रवाई की प्रतीक्षा में हैं क्योंकि अगर शहर के दिल में ही अराजकता घर कर गई है, तो फिर सुरक्षित जबलपुर का सपना सिर्फ सपना ही रह जाएगा।

डिवाइडर पर शराब चौपाल दुकानें बनी गंदगी का अड्डा

स्थानीय रहवासियों ने बताया कि बल्देवबाग चौक स्थित शराब दुकान आधी रात तक खुली रहती है। इसके चलते वहां भीड़ बनी रहती है और शराब लेने वालों की गाड़ियाँ चौक के बीच सड़क पर खड़ी रहती हैं, जिससे अक्सर जाम की स्थिति बन जाती है। न कोई ट्रैफिक नियंत्रण होता है और न ही जिम्मेदार अधिकारियों की कोई मौजूदगी। महिलाएं और बुजुर्ग राहगीर इस माहौल में खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं। जैसे ही रात होती है, शराबी बंद हो चुकी दुकानों के सामने शटर के पास बैठ जाते हैं और वहीं खुलेआम शराब पीते हैं। सबसे ज्यादा शर्मनाक बात यह है कि कुछ युवक डिवाइडर पर बैठकर मजे से जाम टकराते हैं- जैसे यह कोई वैध पब्लिक बार हो। सुबह जब दुकानदार दुकान खोलने आते हैं, तो सबसे पहले उन्हें शराब की खाली बोतलें, डिस्पोजल गिलास और गुटखे-पाउच की गंदगी साफ करनी पड़ती है। स्थानीय व्यापारी कहते हैं हम कारोबारियों से ज्यादा सफाई कर्मचारी बन चुके हैं।

पुलिस देखती रही, पर कुछ नहीं किया

जिस जगह पर यह सब हो रहा है, वहीं कुछ कदम दूर पुलिस की गाड़ी चेकिंग में लगी दिखी, लेकिन वीडियो में साफ नजर आता है कि पुलिस ने शराबियों या जुआरियों को रोकने की कोई कोशिश नहीं की। यह नज़ारा प्रशासनिक निष्क्रियता की पोल खोल देता है।


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