परिवार से बिछड़ा भालू का बच्चा, इंसान बनी मां! फर कोट-भालू का मास्क पहनकर महिला ने निभाया मातृत्व

दैनिक सांध्य बन्धु नई दिल्ली। मां सिर्फ जन्म देने वाली नहीं होती, मां वह होती है जो किसी मासूम को अपना स्नेह दे सके… कुछ ऐसा ही साबित किया है ऑटम वेल्च नाम की एक महिला ने, जो इन दिनों एक भालू के बच्चे की मां बन गई हैं। ये शावक अपने परिवार से बिछड़ गया था और बेहद कमजोर अवस्था में मिला था। लेकिन अब वह सुरक्षित है, क्योंकि उसकी देखभाल एक इंसान ‘मां’ की तरह कर रही है।

भालू बन गई इंसान! फर कोट और मास्क पहन करती हैं देखभाल

भालू का यह नन्हा बच्चा 12 अप्रैल को दक्षिणी कैलिफोर्निया के लॉस पैड्रेस नेशनल फॉरेस्ट में अकेला पाया गया था। उम्र महज दो महीने और वजन सिर्फ 1.3 किलो था। इतने छोटे और कमजोर शावक को इंसानी रूप में पाला नहीं जा सकता था क्योंकि इससे वह इंसानों का आदि हो सकता था। ऐसे में ऑटम वेल्च और उनकी टीम ने एक अनोखा तरीका निकाला—वह फर कोट, चमड़े के दस्ताने और भालू के मुखौटे के साथ उसकी देखभाल करने लगीं।

भावनात्मक रिश्ता: टेडी बियर को मानता है सहारा

शावक को अब रमोना वन्यजीव केंद्र में रखा गया है। टीम ने उसे भालू की खुशबू वाले घास के डिब्बे में रखा फर कोट पहनाकर मां जैसी अनुभूति दी। शावक धीरे-धीरे वेल्च को पहचानने लगा है। जब वह डरता है या नींद आती है तो वह अपने बाड़े में रखे टेडी बियर के पास जाकर सुकून पाता है।

स्वाभाविक व्यवहार की सीख: पेड़ों पर रखा जाता है भोजन

टीम का लक्ष्य सिर्फ पालन-पोषण नहीं, बल्कि उसे जंगल के लायक बनाना है। उसके भोजन को पेड़ों की शाखाओं में रखा जाता है ताकि वह खुद खाना ढूंढना सीखे। अब वह खुद मिट्टी खोदकर कीड़े ढूंढ लेता है और हाल ही में उसे पेड़ की शाखा पर सोते देखा गया, जो जंगली भालुओं का सामान्य व्यवहार है।

जंगल में लौटने की तैयारी, 2026 में होगी वापसी

कैलिफोर्निया मछली और वन्यजीव विभाग ने पहले उसे उसकी मां से मिलाने की कोशिश की थी लेकिन विफल रहे। अब जीवविज्ञानियों को उम्मीद है कि अगले साल तक वह भोजन जुटाना, आश्रय लेना और इंसानों से बचना सीख जाएगा और फिर उसे वापस जंगल में छोड़ा जा सकेगा।

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