Jabalpur News: बदलते मौसम का बदलता बुखार 'वायरिनिया', वायरल बुखार में डेंगू जैसे लक्षण

दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। बदलते मौसम के कारण बच्चों में सर्दी, खांसी और बुखार के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। अस्पतालों के शिशु रोग विभागों में रोजाना बड़ी संख्या में बच्चे बुखार से पीड़ित होकर इलाज के लिए पहुंच रहे हैं।  चिंता की बात यह है कि कई मामलों में बच्चों में डेंगू जैसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं, लेकिन जांच में डेंगू की रिपोर्ट निगेटिव आ रही है। इसके बावजूद, बच्चों के प्लेटलेट्स और श्वेत रक्त कणिकाओं (WBC) की संख्या में भारी गिरावट देखी जा रही है, देखने में आया है अन्य वायरल फीवर,चिकनगुनिया, डेंगू कुछ अन्य फीवरों में भी प्लेटलेट्स और श्वेत रक्त कणिकाओं (WBC) की संख्या में संख्या में कमी आती है लिकेन डेंगू में यह चीज़े तेजी से कम होती है, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो सकती है। इस नए वायरल बुखार 'वायरिनिया' में कुछ इस ही तरह के लक्षण देखाई दे रहे है। जिसे डॉक्टर डेंगू समझा कर जांच कराई जाती है, परंतु रिपोर्ट में डेंगू निगेटिव आता है।

हालांकि डेंगू की रिपोर्ट निगेटिव आने के बावजूद भी 'वायरिनिया' में पीडित बच्चों की प्लेटलेट्स की संख्या सामान्य से काफी कम पाई जा रही है। 'वायरिनिया' के उपचार में एंटीबायोटिक्स दवाई के इस्तेमाल से बच्चों की स्थिति में सुधार देखा जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा मौसम में वायरल और बैक्टीरियल दोनों प्रकार के संक्रमण हो रहे हैं, जिसके कारण बच्चों की स्वास्थ्य स्थिति बिगड़ रही है।

सब से ज्यादा प्रभावित काम उम्र के बच्चे

सब से ज्यादा वायरल फीवर 'वायरिनिया' से प्रभावित 3 से 13 वर्ष की उम्र के बच्चों हो रहे हैं। कुछ बच्चों में केवल सर्दी-खांसी और सामान्य बुखार की शिकायत है, जबकि अन्य में डेंगू जैसे लक्षणों के साथ प्लेटलेट्स और WBC की संख्या में कमी दर्ज की जा रही है।

'वायरिनिया' से सक्रमित बच्चों में देखे जाने वाले लक्षण :

जुनैद (9 वर्ष): तीन दिन से बुखार और कंपकंपी के साथ प्लेटलेट्स की संख्या घटकर 37 हजार रह गई, लेकिन डेंगू की रिपोर्ट निगेटिव आई।

सिमरन (5 वर्ष): सर्दी-खांसी के बाद WBC की संख्या 2000 तक गिर गई, जिससे गंभीर स्थिति उत्पन्न हो गई।

आकाश (12 वर्ष): बुखार और शरीर में दर्द के साथ डेंगू जैसे लक्षण दिखे, लेकिन जांच में निगेटिव आया।

चिकित्सकों की सलाह

चिकित्सक अभिभावकों को बच्चों के स्वास्थ्य पर लगातार ध्यान देने की सलाह दे रहे हैं। यदि बच्चों को बुखार, कमजोरी, या अन्य लक्षण महसूस हों, तो तुरंत चिकित्सीय परामर्श लेना आवश्यक है। प्लेटलेट्स और WBC की संख्या में गिरावट बच्चों की सेहत को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है।

नगर निगम की मच्छर मारने की मुहिम केवल दिखावा मात्र

इन बीमारियों के  फैलने का मुख्य कारण मच्छर है, शहर में मच्छरों के प्रकोप को रोकने के लिए नगर निगम द्वारा मच्छर मारने की मुहिम चलाई जा रही है, जिसमें फॉगिंग और स्प्रे मशीनों का उपयोग हो रहा है। लेकिन इस मुहिम का असर प्रभावहीन साबित हो रहा है। इसका मुख्य कारण मच्छर मारने के लिए उपयोग की जाने वाली दवाइयों की गुणवत्ता में कमी बताई जा रही है। नगर निगम की मच्छर मारने की मुहिम केवल कागजों तक ही सीमित है।

सीएचएमओ डॉ. संजय मिश्रा का कहना है

वायरल से निपटने के लिए अस्पतालों में एंटीबायोटिक दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता है और मरीजों के उपचार के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। डॉ. संजय मिश्रा, सीएचएमओ 

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