दैनिक सांध्य बन्धु भोपाल। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने भाजपा पर विधायकों की खरीद-फरोख्त और चुनी हुई सरकारों को गिराने का आरोप लगाते हुए तीखा हमला बोला है। उन्होंने न्यायिक व्यवस्था की भूमिका पर भी सवाल उठाए और कहा कि अदालतों की सीमित इच्छाशक्ति इस तरह की राजनीतिक गतिविधियों को बढ़ावा देती है।
कमलनाथ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर लिखा, "बीजेपी में सौदेबाजी और बेमेल गठबंधन कर चुनी हुई सरकारों को गिराकर अपनी कुर्सी की भूख मिटाई है। खरीद-फरोख्त रोकने के लिए कानून बने हैं, लेकिन जब केंद्र सरकार ही अनैतिक समर्थन का मूल्य चुकाती है, तब कानून इसे रोकने में अक्षम साबित होता है। अदालतों की अल्प इच्छाशक्ति भी इस खरीद-फरोख्त को संजीवनी प्रदान करती है।"
कमलनाथ ने दलबदल और खरीद-फरोख्त को लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा बताते हुए लिखा, "लोकतंत्र में सौदेबाजी एक विकार है। जब सत्तारूढ़ दल राज्यों में सत्ता के लिए खरीद-फरोख्त करता है, तो इसे रोकना नामुमकिन हो जाता है। मध्यप्रदेश, कर्नाटक, उत्तराखंड, महाराष्ट्र जैसे राज्यों में बीजेपी ने बड़े पैमाने पर सौदेबाजी और बेमेल गठबंधन करके चुनी हुई सरकारें गिराईं। इससे न केवल लोकतांत्रिक व्यवस्था कमजोर होती है, बल्कि जनता के वोट की ताकत भी शून्य हो जाती है।"
कमलनाथ ने कहा कि लोकतंत्र में जनता सर्वोपरि है, लेकिन खरीद-फरोख्त में जनता की भूमिका को विलोपित कर दिया जाता है। उन्होंने लिखा, "कुर्सीखोर भस्मासुर बनकर जनता पर ही शासन करते हैं। जब केंद्र सरकार ही अनैतिक समर्थन का मूल्य चुकाती है, तो कानून इसे रोकने में विफल रहता है।"
भाजपा प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कमलनाथ के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि न्यायिक व्यवस्था पर सवाल उठाना अनुचित है। उन्होंने कहा, "कमलनाथ जी राजनीतिक हताशा के दौर से गुजर रहे हैं और बीजेपी पर बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं। न्यायपालिका पर सवाल उठाना चिंताजनक है। कांग्रेस की परंपरा रही है कि वह संवैधानिक संस्थाओं का अपमान करती है।"
भोपाल से मिली जानकारी के अनुसार, कमलनाथ को 5 नवंबर से बुधनी और विजयपुर में उपचुनावों के लिए प्रचार करना था। हालांकि, वायरल फीवर के चलते उनका दौरा रद्द कर दिया गया है।