दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। जबलपुर के सेठ गोविन्द दास चिकित्सालय (विक्टोरिया) में इन दिनों चिकित्सकों की कमी के कारण टेक्नीशियन्स को महत्वपूर्ण विभागों सहित ओपीडी का कार्य संभालना पड़ रहा है। विशेष रूप से नेत्र विभाग में मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, जहाँ डॉक्टरों की अनुपस्थिति ने स्थिति को और भी गंभीर बना दिया है।
जानकारों के अनुसार, अस्पताल में मात्र तीन डॉक्टर हैं, जिनमें से एक को मण्डला जिले का प्रभार भी सौंपा गया है। यहाँ हर दिन सर्जरी होती है, जिसके लिए ओपीडी में डॉक्टर की आवश्यकता होती है। मण्डला प्रभार वाले चिकित्सक का एक दिन ही मण्डला का प्रभार है, लेकिन वे अक्सर गायब रहते हैं। इससे ओपीडी में डॉक्टरों की अनुपस्थिति में टेक्नीशियन्स को काम संभालना पड़ रहा है।
नेत्र विभाग में शिविरों के कारण डॉक्टरों की ड्यूटी भी अक्सर बाहर लग जाती है, जिससे ओपीडी में एक भी डॉक्टर मौजूद नहीं रहता। इससे मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
अस्पताल के ऑपरेशन थियेटर में भी आवश्यकतानुसार दो डॉक्टर नहीं मिल पा रहे हैं, जिससे सर्जरी प्रभावित हो रही है। पिछले पांच सालों में नेत्र विभाग में डॉक्टरों की संख्या में भारी कमी आई है। पहले यहां लगभग 8 डॉक्टर होते थे, जिससे मोतियाबिंद के 15,000 से 20,000 ऑपरेशन सालाना होते थे, लेकिन अब यह संख्या घटकर 1,500 के आस-पास रह गई है।
नेत्र विभाग में डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए शासन को पत्र लिखा गया है, और उम्मीद है कि जल्द ही और डॉक्टरों की नियुक्ति की जाएगी: डॉ. संजय मिश्र, सीएमएचओ, स्वास्थ्य विभाग