दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने प्रदेश के थानों में बने या निर्माणाधीन मंदिरों पर राज्य सरकार को 7 दिन के भीतर जवाब पेश करने की अंतिम मोहलत दी है। मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैथ और न्यायमूर्ति विवेक जैन की डिवीजन बेंच ने सोमवार को सुनवाई के दौरान कहा कि सरकार पूरे प्रदेश के थानों में बने धार्मिक स्थलों की सूची पेश करे और यह भी बताए कि इन मंदिरों का निर्माण कब हुआ और इसके लिए आदेश किसने दिए।
इससे पहले 4 नवंबर और 19 नवंबर को भी हाईकोर्ट ने सरकार से इस मामले में जवाब मांगा था। याचिकाकर्ता ओपी यादव की दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि थानों की सरकारी जमीन पर हो रहे धार्मिक निर्माण पर रोक लगाई जाए।
हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव (सीएस) अनुराग जैन, डीजीपी, गृह विभाग और नगरीय प्रशासन विभाग को नोटिस देकर इस मामले पर जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता ने जबलपुर के सिविल लाइन, लार्डगंज, मदनमहल और विजय नगर थानों में बने मंदिरों की तस्वीरें याचिका में प्रस्तुत की हैं।
याचिकाकर्ता के वकील सतीश वर्मा ने बताया कि 2003 में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिए थे कि सार्वजनिक स्थानों, सरकारी कार्यालयों और सड़कों पर धार्मिक स्थलों का निर्माण नहीं होना चाहिए। लेकिन थानों में धार्मिक स्थल बनाना इस आदेश का उल्लंघन है। वर्मा ने कहा कि कुछ थानों के प्रभारी पुलिस अधिकारी स्वयं धार्मिक स्थल बनवा रहे हैं।
सरकार ने अपनी प्रारंभिक आपत्तियां दर्ज की थीं, लेकिन हाईकोर्ट ने इसे खारिज करते हुए स्पष्ट कहा कि सरकारी जमीन पर धार्मिक स्थल निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन अनिवार्य है।
कोर्ट ने राज्य सरकार को 7 दिन में जवाब पेश करने का अंतिम मौका दिया है।