दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने नर्सिंग काउंसिल के चेयरमैन डॉ. जितेन चंद्र शुक्ला और रजिस्ट्रार अनीता चांद को तत्काल प्रभाव से उनके पदों से हटाने के निर्देश दिए हैं। यह आदेश नर्सिंग कॉलेजों में हुई गड़बड़ियों के मामलों में दिया गया है, जिनकी जांच सीबीआई और हाई कोर्ट की निगरानी में चल रही है।
यह निर्देश न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी और न्यायमूर्ति अचल कुमार पालीवाल की युगलपीठ ने लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव को जारी किए। कोर्ट ने प्रदेश के मुख्य सचिव को भी आदेश का पालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए।
जनहित याचिका के माध्यम से सामने आए इस प्रकरण में याचिकाकर्ता, ला स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल, ने अधिवक्ता आलोक वागरेचा के माध्यम से कोर्ट को बताया कि 2021-22 में भोपाल के आरकेएस कॉलेज को अपात्र होने के बावजूद मान्यता दी गई थी। इस घोटाले में तत्कालीन इंस्पेक्टर अनीता चांद की भूमिका सामने आई।
सरकार ने गड़बड़ी के बावजूद उन्हें नर्सिंग काउंसिल का रजिस्ट्रार नियुक्त कर दिया। इसके अलावा, डॉ. जितेन चंद्र शुक्ला, जो उस समय काउंसिल के डायरेक्टर थे, की भूमिका भी संदेह के घेरे में है।
नर्सिंग कॉलेज घोटाले की सीबीआई जांच हाई कोर्ट की देखरेख में चल रही है। कोर्ट ने कहा कि गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों को महत्वपूर्ण पदों पर बनाए रखना घोटाले से जुड़े साक्ष्यों को प्रभावित कर सकता है।
सरकार ने कोर्ट को बताया कि रजिस्ट्रार के खिलाफ जांच के लिए एक समिति गठित की गई है। लेकिन कोर्ट ने इस पर असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि गड़बड़ियों में लिप्त अधिकारियों से निष्पक्ष कार्रवाई की अपेक्षा नहीं की जा सकती।
मामले की अगली सुनवाई 19 दिसंबर को निर्धारित की गई है। हाई कोर्ट ने महाधिवक्ता कार्यालय को निर्देश दिया है कि आदेश की एक प्रति मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव को तत्काल भेजी जाए।