दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। भीषण गर्मी का असर अब बिजली व्यवस्था पर साफ नजर आ रहा है। शहर में पिछले दो सप्ताह के भीतर 4 हजार 115 स्मार्ट मीटर खराब हो गए हैं। गर्मी में बिजली के बढ़ते लोड और तेज धूप की मार से ये स्मार्ट मीटर या तो जल गए या अचानक काम करना बंद कर दिए। स्थिति यह है कि जिन उपभोक्ताओं के घरों में मीटर खराब हुए हैं, उन्हें बिजली विभाग की ओर से एवरेज बिल थमा दिया गया है।
लोगों की बढ़ी परेशानी, विभाग ने थमाया आश्वासन
शिकायतों का अंबार लगने के बाद विद्युत वितरण कंपनी ने सफाई दी है। जबलपुर सिटी सर्किल के अधीक्षण यंत्री संजय अरोरा ने बताया कि 4 हजार 115 मीटर खराब होने की बात सही है, लेकिन ये कुल मीटरों का केवल 1% हिस्सा हैं। खराब हुए मीटर स्टॉक डिफेक्ट में शामिल हैं और इन्हें जल्द बदला जाएगा।
लेकिन हकीकत यह है कि जिन उपभोक्ताओं के मीटर खराब हुए हैं, वे तीन से सात दिन तक मीटर बदलवाने के लिए भटकते रहे। कंपनी के दावे के अनुसार शिकायत के तीन दिन के भीतर मीटर बदला जाना चाहिए, लेकिन कई मामलों में एक सप्ताह से अधिक बीतने के बाद भी मीटर नहीं बदले गए।
गर्मी और लोड की दोहरी मार
जानकारों के मुताबिक गर्मी में कूलर, एसी के बढ़े हुए उपयोग से बिजली का लोड तो बढ़ा ही है, साथ ही खुले में लगे स्मार्ट मीटर तेज धूप और गर्मी नहीं झेल पा रहे हैं। इससे कई मीटर ओवरहीट होकर खराब हो गए हैं।
खराब मीटर की वजह से सैकड़ों उपभोक्ताओं को बिना उपयोग के एवरेज बिल भरना पड़ रहा है। इससे गुस्साए कई लोगों ने बिजली विभाग के अफसरों से लेकर सिटी सर्किल कार्यालय तक शिकायत दर्ज कराई है।
कुल आंकड़ा और क्षेत्रवार वितरण
वर्तमान में जबलपुर में 3.7 लाख बिजली कनेक्शन हैं, जिनमें से 55 हजार कमर्शियल कनेक्शन हैं। सिटी सर्किल सहित चारों संभागों में खराब हुए मीटरों की स्थिति कुछ इस प्रकार है:
संभाग उपभोक्ता संख्या
पूर्व 67,814
पश्चिम 59,076
दक्षिण 1,04,175
उत्तर 83,548
कुल 3,70,000
उपभोक्ता बोले- बिल भरो, बिजली भरोसा मत करो!
मीटर बदलवाने पहुंचे उपभोक्ता कहते हैं कि विभाग न तो समय पर मीटर बदल पा रहा है, न ही सही जानकारी दे रहा है। पहले तो हमारी गलती न होते हुए भी हमें ज्यादा बिल भरना पड़ रहा है, ऊपर से हफ्तों तक मीटर बदले भी नहीं जा रहे – ऐसा कहना है राइट टाउन निवासी सुरेश मेहर का।
खराब मीटर पर बिल माफ किया जाए
विभाग द्वारा दिए जा रहे एवरेज बिल को लेकर उपभोक्ताओं में असंतोष है। लोगों की मांग है कि जब मीटर ही सही से रीडिंग नहीं दे रहा, तो एवरेज बिल अनुचित है।
इन्होने कहा
कांग्रेस बिजली समस्या निवारण प्रकोष्ठ के अध्यक्ष अनुज श्रीवास्तव ने कहा कि यह स्मार्ट मीटर नहीं, उपभोक्ताओं के लिए स्मार्ट सिरदर्द बन गए हैं। दो हफ्तों में 4 हजार से ज्यादा मीटर खराब होना दर्शाता है कि यह पूरा सिस्टम फेल है। बिजली कंपनी की लापरवाही और खराब गुणवत्ता वाले मीटरों की खरीद के कारण आम जनता पर एवरेज बिल का बोझ थोपा जा रहा है, जो पूरी तरह अनुचित और अमानवीय है। जब कंपनी को पहले से पता था कि गर्मी में लोड बढ़ेगा और खुले में लगे मीटरों पर असर पड़ेगा, तो तकनीकी जांच के बिना इतना बड़ा इंस्टॉलेशन क्यों किया गया?