दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने सुरक्षा को लेकर कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। इसी कड़ी में केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने राज्यों में उन लोगों की पहचान करें जो किसी न किसी रूप में पाकिस्तान से संबंध रखते हैं, विशेषकर ऐसे लोग जो पाकिस्तान के नागरिक हैं या जिनकी नागरिकता संदिग्ध है।
भारत सरकार के निर्देशों के पालन में मध्यप्रदेश में भी राज्य प्रशासन सक्रिय हो गया है। जबलपुर में इस सिलसिले में एक गहन जांच अभियान चलाया गया, जिसकी जानकारी आज जिला कलेक्टर दीपक सक्सेना ने मीडिया को दी।
कलेक्टर सक्सेना ने बताया कि जांच के दौरान जबलपुर जिले में ऐसे तीन बच्चों की पहचान की गई है जो वर्तमान में शहर में रह रहे हैं। इन बच्चों की माताएं भारतीय नागरिक हैं जबकि उनके पिता पाकिस्तानी नागरिक हैं। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि ये बच्चे बिना स्पष्ट नागरिकता के भारत में रह रहे हैं।
प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार से मार्गदर्शन मांगा है कि इन बच्चों के भविष्य, कानूनी स्थिति और उनकी नागरिकता को लेकर क्या निर्णय लिया जाए। फिलहाल बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है और उनकी पृष्ठभूमि की गहन जांच की जा रही है।
देश की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं
पहलगेाम हमले के बाद केंद्र सरकार की मंशा स्पष्ट है—देश की सुरक्षा के मुद्दे पर कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी। सीमा पार से हो रही गतिविधियों और संदिग्ध नागरिकों की उपस्थिति को लेकर सरकार बेहद सतर्क हो गई है। ऐसे में पाकिस्तानी नागरिकों या उनके संबंधियों की पहचान और उनकी स्थिति का मूल्यांकन सरकार की प्राथमिकता बन चुका है।
स्थानीय प्रशासन अलर्ट मोड में
जबलपुर प्रशासन ने साफ किया है कि जो भी विदेशी नागरिक या संदिग्ध लोग यहां रह रहे हैं, उन पर कड़ी नजर रखी जा रही है। सुरक्षा एजेंसियों के साथ समन्वय बनाकर प्रत्येक पहलू की जांच की जा रही है। ऐसे मामलों में कानूनी कार्रवाई को लेकर भी प्रक्रिया निर्धारित की जा रही है।
अंतिम निर्णय राज्य सरकार के मार्गदर्शन पर निर्भर
फिलहाल इन तीन बच्चों के भविष्य को लेकर प्रशासन ने राज्य सरकार से मार्गदर्शन मांगा है। जब तक उच्च स्तर से दिशा-निर्देश नहीं मिलते, तब तक स्थानीय प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए रखेगा।