दैनिक सांध्य बन्धु भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र केवल 5 दिन में समाप्त हो गया। शुक्रवार को विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने सदन की कार्यवाही को अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित कर दिया। 1 जून को शुरू हुआ यह सत्र 19 जुलाई तक चलने वाला था।
इससे पहले, 3 जून को वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने 3 लाख 65 हजार करोड़ रुपये का बजट पेश किया, जो पिछले साल के मुकाबले 16 प्रतिशत ज्यादा है। बजट पर दो दिन चली चर्चा के बाद इसे पारित कर दिया गया। सरकार ने इस दौरान चार विधेयक भी पारित कराए।
विपक्ष ने विधानसभा अध्यक्ष द्वारा डिवीजन की मांग को अस्वीकार करने पर नाराजगी जताई। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने आरोप लगाया कि विधायकों को बोलने का मौका नहीं मिला।
विधानसभा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति और मदरसों में शिक्षा जैसे मुद्दे भी उठाए गए। बीजेपी विधायक अभिलाष पांडेय ने संविधान के अनुच्छेद 30 को समाप्त करने का प्रस्ताव पेश किया, जबकि विधायक रामेश्वर शर्मा ने मदरसों की शिक्षा पर सवाल उठाए।
वहीं, कांग्रेस विधायक आतिफ अकील ने सत्ता पक्ष पर आरोप लगाया कि वे नर्सिंग घोटाले से ध्यान भटकाने के लिए मदरसों का मुद्दा उठा रहे हैं।