दैनिक सांध्य बन्धु रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की उम्र को लेकर विवाद गहरा गया है। हाल ही में उन्होंने बरहेट (एसटी) विधानसभा सीट से 2024 के चुनाव के लिए नामांकन किया, जिसमें उन्होंने अपनी उम्र 49 साल बताई। यह विवरण 2019 के हलफनामे से मेल नहीं खाता, जब उनकी उम्र 42 वर्ष थी। यह असामान्यता सामने आने के बाद राज्य में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है। भाजपा ने इस मुद्दे को लेकर झामुमो पर तीखे हमले किए हैं, जबकि झामुमो भी पलटवार कर रही है।
भारत में चुनाव आयोग प्रत्याशियों के लिए सटीक हलफनामा दाखिल करना अनिवार्य बनाता है, ताकि मतदाता अपने उम्मीदवारों को सही-सही जान सकें। हालांकि, गलत हलफनामा देने पर आयोग के अधिकार सीमित हैं। संपत्ति से जुड़ी जानकारी को इनकम टैक्स विभाग को भेजा जा सकता है, लेकिन उम्र जैसे विवरणों की जांच केवल शिकायत मिलने पर ही की जाती है।
अगर गलत हलफनामा साबित भी हो जाए, तो चुनाव आयोग कड़ी सजा देने में सक्षम नहीं है। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 125ए के तहत, दोषी को अधिकतम 6 महीने की जेल या जुर्माना हो सकता है, लेकिन उसे चुनाव लड़ने से नहीं रोका जा सकता। दूसरी ओर, धारा 8ए के तहत भ्रष्ट आचरण के गंभीर मामलों में प्रतिबंध का प्रावधान है।
संसदीय समिति ने 2023 में हलफनामे में गलत जानकारी देने पर सख्त कार्रवाई की सिफारिश की थी। भाजपा सांसद सुशील मोदी की अध्यक्षता में बनी इस समिति ने सुझाव दिया कि सजा की गंभीरता अपराध की गंभीरता के आधार पर तय होनी चाहिए। गलत जानकारी देने वाले मामलों को धारा 8(1) के तहत लाया जाए, जिससे उम्मीदवार को अयोग्य ठहराया जा सके। हालांकि, यह सिफारिश अभी तक लंबित है।
सुप्रीम कोर्ट ने 2023 में कहा था कि भारत में शैक्षिक योग्यता के आधार पर वोट नहीं डाले जाते, इसलिए गलत शैक्षिक जानकारी को भ्रष्ट आचरण नहीं माना जा सकता। यह टिप्पणी भाजपा उम्मीदवार हर्षवर्धन वाजपेयी के खिलाफ दायर याचिका पर हुई सुनवाई के दौरान आई थी। हेमंत सोरेन का मामला हालांकि उम्र संबंधी विवाद से जुड़ा है, जो इसे अलग बनाता है।
हेमंत सोरेन की पार्टी के ही मंगल कालिंदी का भी ऐसा ही मामला सामने आया है। उन्होंने 2019 में अपनी उम्र 42 वर्ष बताई थी, जबकि 2024 में 51 वर्ष बताई। भाजपा ने चुनाव आयोग से कालिंदी का नामांकन रद्द करने की मांग की है।
2024 के हलफनामे में हेमंत सोरेन की संपत्ति में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज हुई है, जो 5 साल में लगभग दोगुनी हो गई है। बावजूद इसके, उनके परिवार में सबसे अमीर उनकी बहू कल्पना सोरेन हैं, जो विधायक बसंत सोरेन की पत्नी हैं।