दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। भाजपा संगठन में इस बार महानगर अध्यक्ष पद के लिए नए और युवा चेहरे को मौका देने की चर्चाएं जोरों पर हैं। सूत्रों के अनुसार, पार्टी इस बार नगर संगठन की कमान किसी युवा और ऊर्जावान नेता के हाथों में सौंप सकती है। हालांकि, अभी मंडलों में अध्यक्ष पद को लेकर रायशुमारी चल रही है। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही महानगर अध्यक्ष पद पर नियुक्ति के लिए विचार किया जाएगा।
ब्राह्मण चेहरे को मिल सकती है प्राथमिकता
इस बार भाजपा संगठन नगर अध्यक्ष पद के लिए किसी ब्राह्मण चेहरे को प्राथमिकता देने की तैयारी में है। संगठन के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, यह फैसला ब्राह्मण समाज के बीच पार्टी की पकड़ मजबूत करने के उद्देश्य से लिया जा सकता है। इसके अलावा, उन नेताओं पर भी विचार किया जा रहा है, जिन्होंने संगठन में रहकर उत्कृष्ट काम किया है और पार्टी को मजबूत किया है।
कांग्रेस से आए नेताओं पर भी नजर
भाजपा संगठन उन नेताओं को भी स्थान देने पर विचार कर रहा है, जो हाल ही में कांग्रेस छोड़कर पार्टी में शामिल हुए हैं। सदस्यता अभियान में अच्छा प्रदर्शन करने वाले इन नेताओं को पार्टी कहीं न कहीं संतुलित करने की आवश्यकता महसूस कर रही है।
वर्तमान अध्यक्ष पर संगठन के भीतर असंतोष
वर्तमान महानगर अध्यक्ष को लेकर पार्टी के भीतर विरोध के स्वर पहले ही कई मौकों पर सुनाई दे चुके हैं। ऐसे में यह माना जा रहा है कि भाजपा संगठन इस बार वर्तमान अध्यक्ष पर दोबारा दांव खेलने के मूड में नहीं है। इसके साथ ही पार्टी के प्रदेश संगठन ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि वर्तमान में जबलपुर के भाजपा विधायक और सांसद का नगर संगठन की नियुक्तियों में हस्तक्षेप स्वीकार नहीं किया जाएगा।
वरिष्ठ और युवा नेताओं में होड़
नगर अध्यक्ष पद के लिए इस बार वरिष्ठ और युवा नेताओं के बीच होड़ मची हुई है। वरिष्ठ नेताओं में पूर्व महापौर सदानंद गूडबोले, पूर्व मंत्री अंचल सोनकर, शरद जैन, श्री राम शुक्ला और राजेश मिश्रा जैसे नाम प्रमुखता से चर्चा में हैं।
युवा नेताओं की बढ़ रही मांग
भाजपा संगठन में इस बार युवा नेतृत्व को मौका देने की मांग तेज हो रही है। दावेदारी करने वाले प्रमुख युवा नेताओं में नगर निगम में पूर्व नेता प्रतिपक्ष कमलेश अग्रवाल, भाजपा के पूर्व महामंत्री संदीप जैन (गुड्डा), पवन तिवारी और रत्नेश सोनकर के नाम सामने आ रहे हैं। ये युवा चेहरे अपनी कार्यक्षमता और संगठनात्मक कौशल के कारण पार्टी के भीतर अच्छी पकड़ रखते हैं।
संगठन के सामने चुनौती
भाजपा महानगर अध्यक्ष पद की नियुक्ति के लिए भाजपा संगठन को इस बार कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। वरिष्ठ और युवा नेताओं के बीच संतुलन बनाना, समाजिक समीकरणों को ध्यान में रखना, और संगठन को नए सिरे से मजबूत करना संगठन के लिए अहम होगा। नेताओं की दावेदारी को देखते हुए ऐसा प्रतीत हो रहा है कि महानगर अध्यक्ष पद पर किसे नियुक्त किया जाएगा, इसका फैसला रायशुमारी और संगठन की गहन मंथन प्रक्रिया के बाद ही होगा। फिलहाल यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा संगठन युवा नेतृत्व को बढ़ावा देता है या किसी अनुभवी नेता को कमान सौंपता है।