दैनिक सांध्य बन्धु ग्वालियर। देश में अब तक की सबसे बड़ी डिजिटल ठगी और अरेस्ट केस ने पूरे साइबर सिस्टम को हिला कर रख दिया है। ग्वालियर पुलिस की SIT ने उज्जैन-नागदा और रतलाम से 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इसमें बैंक का असिस्टेंट मैनेजर और महिला कैशियर तक शामिल पाई गईं। आरोपियों ने प्रयागराज स्थित इंडसइंड बैंक में एक शेल कंपनी के खाते में 1.30 करोड़ रुपए ट्रांसफर कर आठ राज्यों के 20 खातों में रकम भेज दी।
दिल्ली में भी ट्रांजेक्शन, टीम रवाना
जांच में सामने आया कि दिल्ली और नोएडा के बैंक खातों में भी करीब साढ़े छह लाख रुपए पहुंचे हैं। एक पुलिस टीम दिल्ली रवाना की गई है। अब तक 10 राज्यों के 50 से ज्यादा बैंक खातों में साइबर ठगी के पैसे का ट्रांसफर हो चुका है।
उज्जैन के नागदा से गिरफ्तार तुषार गोमे ने कबूल किया कि उसने 60 चेकों के जरिए बंधन बैंक के खातों से 3 करोड़ से ज्यादा निकाले और मुख्य सरगना उदयराज को सौंपे। बदले में कमीशन मिलता था। खाताधारकों को 5 हजार रुपये मासिक दिए जाते थे और वे खुद नहीं जानते थे कि उनके खातों से करोड़ों का लेनदेन हो रहा है।
26 दिन तक डिजिटल अरेस्ट में फंसा एक साधु
ग्वालियर स्थित रामकृष्ण मिशन आश्रम के सचिव स्वामी सुप्रदिप्तानंद को एक फर्जी वॉट्सएप कॉल के जरिए नासिक पुलिस का इंस्पेक्टर बनकर डराया गया। आरोपियों ने उन्हें 26 दिन तक वर्चुअली 'डिजिटल अरेस्ट' में रखा और उनके नाम से जुड़े फर्जी बैंक अकाउंट के नाम पर 2.53 करोड़ रुपए तीन अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करवा लिए।
यह केस न केवल देश की सबसे बड़ी डिजिटल ठगी बन गया है, बल्कि यह दिखाता है कि कैसे साइबर अपराधी पुलिस, बैंक और आम जनता को झांसे में लेकर एक सुनियोजित फ्रॉड कर सकते हैं। अब ग्वालियर पुलिस की टीम साइबर एक्सपर्ट्स के साथ देशभर में खातों की जानकारी इकट्ठा करने में जुटी है।