दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। नर्मदा नदी के 5 किलोमीटर की परिधि में शराब विक्रय पर पूर्ण प्रतिबंध के बावजूद ग्वारीघाट क्षेत्र में अवैध रूप से शराब की बिक्री फिर से शुरू हो गई है। यह कार्य सीधे तौर पर प्रदेश की आबकारी नीति का उल्लंघन है, जिसमें स्पष्ट निर्देश हैं कि नर्मदा परिक्षेत्र में शराब का विक्रय, संग्रहण और पैकरी पूरी तरह वर्जित है।
इसके बावजूद आबकारी विभाग और ग्वारीघाट पुलिस की मिलीभगत से कई स्थानों पर शराब की अवैध बिक्री संचालित हो रही है। चौंकाने वाली बात यह है कि नर्मदा के परमभक्त क्षेत्रीय विधायक एवं प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री राकेश सिंह द्वारा पूर्व में स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि नर्मदा क्षेत्र में शराब बिक्री पूर्णतः रोकी जाए, इसके बाद कुछ दिनों तक यह अवैध व्यापार बंद हो गया था लेकिनअब फिर यह अवैध व्यापार बेधड़क जारी हो गया है।
सूत्रों के अनुसार जिन स्थानों पर अवैध शराब की बिक्री हो रही है, वे इस प्रकार हैं:
1. पोलीपत्थर गली नंबर 3: लगभग 15 पेटी
2. लाल कुआं चौधरी मोहल्ला: 10 पेटी
3. रामलाल मंदिर के पास, ग्वारीघाट प्रतिदिन की खपत: 10 पेटी
4. पुराना रेलवे स्टेशन, ग्वारीघाट प्रतिदिन की खपत: 20 पेटी
5. रामलाल मंदिर के पास प्रतिदिन की खपत: लगभग 5 पेटी
दैनिक सांध्य बन्धु के विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार इन अवैध विक्रेताओं को कुल बिक्री का लगभग 10 प्रतिशत लाभांश भी दिया जा रहा है।
सूत्रों का यह भी कहना है कि इसके लिए बाकायदा एक ‘सिस्टम’ तैयार किया गया है, जिसमें प्रतिबंधित 5 किमी क्षेत्र से सटी वैध दुकानों के ठेकेदार, पैकरी के नाम पर प्रतिबंधित क्षेत्र केभीतर शराब भिजवाते हैं। पूरी आपूर्ति श्रृंखला सुनियोजित ढंग से संचालित हो रही है, जिसमें पुलिस और आबकारी विभाग की मौन सहमति साफ देखी जा सकती है।
स्थानीय नागरिकों एवं सामाजिक संगठनों ने प्रशासन से इस पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है और नर्मदा क्षेत्र की पवित्रता को बचाए रखने के लिए त्वरित हस्तक्षेप की आवश्यकता जताई है।स्थानीय नागरिकों का चौंकाने वाला आरोप यह भी है कि ग्वारीघाट थाने में प्रतिमाह डेढ़ लाख रुपये की ‘बंधी’ तय है, जिसके एवज में यह अवैध कारोबार प्रशासनिक संरक्षण में फल-फूल रहा है।