MP News: आधी रात को जारी हुई तबादला नीति, परफॉर्मेंस कमजोर तो पहले होगा ट्रांसफर

दैनिक सांध्य बन्धु भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार ने तबादला नीति-2025 को आखिरकार कैबिनेट मंजूरी के 4 दिन बाद आधी रात के बाद जारी कर दिया है। शनिवार और रविवार की दरम्यानी रात 12:05 बजे सामान्य प्रशासन विभाग ने यह आदेश जारी किया। नीति के अनुसार एक अप्रैल 2024 से 30 अप्रैल 2025 के बीच किए गए ट्रांसफर मुख्यमंत्री की अनुमति के बिना नहीं हो सकेंगे। इस नीति से प्रदेश के 6 लाख से अधिक नियमित कर्मचारी प्रभावित होंगे।

नीति की बड़ी बातें:

विभाग खुद की नीति बना सकेंगे, लेकिन GAD के नियमों का पालन जरूरी होगा।

मुख्यमंत्री की समन्वय में ही विशेष तबादलों को मंजूरी मिलेगी।

जिला स्तरीय ट्रांसफर प्रभारी मंत्री की अनुमति से होंगे।

कमजोर प्रदर्शन वाले पहले होंगे ट्रांसफर

जो अधिकारी या कर्मचारी अपने निर्धारित लक्ष्यों को हासिल नहीं कर पाए हैं, उनका तबादला प्रशासनिक आधार पर प्राथमिकता से किया जाएगा। यानी अब सिर्फ 3 साल की सीमा जरूरी नहीं, प्रदर्शन के आधार पर भी बदलाव होगा।

पुलिस तबादला बोर्ड के निर्देश लागू

DSP से नीचे के पुलिसकर्मियों के तबादले पुलिस स्थापना बोर्ड के निर्णयों के आधार पर होंगे। वरिष्ठ अधिकारियों के ट्रांसफर मुख्यमंत्री की सहमति से होंगे।

स्वेच्छा से ट्रांसफर की प्रक्रिया

जो कर्मचारी खुद के खर्च पर ट्रांसफर चाहते हैं, वे ऑनलाइन या सत्यापित आवेदन दे सकेंगे। लक्ष्यों को पूरा करने वालों को इसमें प्राथमिकता दी जाएगी।

विशेष प्रावधान:

एक साल में रिटायर होने वाले कर्मचारी ट्रांसफर से बाहर।

गंभीर बीमारी, दिव्यांगता या पति-पत्नी के केस में छूट मिलेगी।

सभी प्रकार के अटैचमेंट खत्म होंगे और खाली पदों को समकक्ष अधिकारी से ही भरा जाएगा।

शिक्षा विभाग में विशेष ध्यान:

कॉलेजों में अतिशेष शिक्षकों को हटाया जाएगा।

दिव्यांग या रिटायरमेंट के करीब शिक्षकों को राहत।

स्कूल शिक्षा विभाग 6 से 16 मई तक स्वैच्छिक तबादलों के लिए आवेदन लेगा।

गृह जिले में पोस्टिंग नहीं

कार्यपालिका अधिकारियों को उनके गृह जिले में पदस्थ नहीं किया जाएगा, सिवाय महिलाओं और विशेष मामलों के।

संघ पदाधिकारियों को 4 साल की छूट

मान्यता प्राप्त कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों को दो पदावधियों तक तबादले से छूट मिलेगी।

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