घटना की जानकारी उस समय हुई जब रोज़ की तरह काम पर आने वाली घरेलू सहायिका (बाई) सुबह उनके घर पहुंची। काफी देर तक दरवाजा खटखटाने के बावजूद जब कोई जवाब नहीं मिला तो उसने अनहोनी की आशंका में तत्काल गढ़ा थाना पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची और दरवाजा तोड़कर अंदर दाखिल हुई, जहां प्रोफेसर प्रज्ञा अग्रवाल का शव खून से लथपथ हालत में फर्श पर मिला।
पुलिस के मुताबिक, प्रज्ञा अग्रवाल दमोह से तबादले पर जबलपुर आई थीं और आमनपुर स्थित घर में अकेली रह रही थीं। प्रारंभिक जांच में आत्महत्या की पुष्टि हुई है, लेकिन मौत के पीछे का कारण अभी स्पष्ट नहीं हो सका है। फिलहाल शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है और पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है।
पुलिस आसपास के लोगों और उनके करीबी संपर्कों से भी पूछताछ कर रही है ताकि यह जान सके कि क्या वे किसी मानसिक तनाव या निजी परेशानी का सामना कर रही थीं।