जलसंकट : तीन दिन और तरसेगा आधा शहर

दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। रमनगरा वाटर फिल्टर प्लांट की दोनों मेन राइजिंग लाइन में लीकेज के चलते जबलपुर के आधे से ज्यादा इलाकों में जल संकट गहराता जा रहा है। नगर निगम के जल विभाग ने लीकेज सुधार कार्य शुरू कर दिया है, जो बुधवार तक जारी रहेगा। यदि बुधवार की शाम तक टेस्टिंग सफल हो जाती है, तभी जाकर गुरुवार से शहर को नियमित जलापूर्ति मिल सकेगी।

आए दिन फूट जाती है पाइप लाइन 

10 करोड़ रुपये की लागत से बिछाई गई समानांतर लाइन में भी अधिकारियों की लापरवाही के कारण लीकेज हो गया। इसके अलावा शाहनाला क्षेत्र में सड़क चौड़ीकरण के दौरान पीडब्ल्यूडी द्वारा की गई खुदाई में पाइपलाइन फूट गई। नगर निगम और लोक निर्माण विभाग में समन्वय की कमी इस संकट की एक बड़ी वजह बनकर सामने आई है।

मांगलिक कार्यक्रमों में हाहाकार

जल संकट का असर उन घरों में और भी अधिक दिख रहा है जहां मांगलिक कार्यक्रम आयोजित हैं। लोग अपने काम छोड़कर पानी की व्यवस्था में जुटे हैं। सुबह से ही शहरवासी बाइक, रिक्शा और कार से पानी ढोते नजर आए।

टैंकर नहीं मिल रहे, निगम के दावों पर सवाल

नगर निगम ने टैंकरों से जलापूर्ति का दावा किया है, लेकिन कई इलाकों के लोग शिकायत कर रहे हैं कि उन्हें टैंकर नहीं मिल पा रहे हैं। इस स्थिति को देखते हुए मेयर जगत बहादुर सिंह (अन्नू) ने खुद मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया और अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए कि मरम्मत कार्य तेजी से पूरा हो और टैंकरों की सप्लाई सुचारु रहे।

जनता का धैर्य जवाब देने लगा

कांग्रेस पार्षदों ने नगर आयुक्त को ज्ञापन सौंपकर तत्काल जल संकट से राहत देने की मांग की है। नेता प्रतिपक्ष अमरीष मिश्रा  ने कहा कि यह कोई आकस्मिक संकट नहीं बल्कि नगर निगम की लापरवाही का नतीजा है। इस अवसर पर पं. अतुल नरेश बाजपेयी, अयोध्या तिवारी, संतोष दुबे (पंडा), सतेन्द्र चौबे (गुड्डा), गुड्डू नबी, वकील अंसारी, प्रमोद पटेल आदि उपस्थित रहे।

           इन्होने कहा

लीकेज मरम्मत का काम चल रहा है और बुधवार की शाम टेस्टिंग की जाएगी। यदि टेस्टिंग सफल रहती है तो गुरुवार से पानी की स्थिति सामान्य हो सकती है। कमलेश श्रीवास्तव , कार्यपालन यंत्री

"हर साल जल संकट को लेकर जनता को ऐसे ही त्रस्त रहना पड़ता है, यह कोई नई समस्या नहीं है बल्कि नगर निगम की लगातार लापरवाही और कुशासन का परिणाम है। जब करोड़ों रुपए खर्च कर नई लाइन बिछाई गई थी तो यह सुनिश्चित क्यों नहीं किया गया कि वह पूरी तरह दुरुस्त हो? पीडब्ल्यूडी और नगर निगम के बीच समन्वय की भारी कमी के कारण आज लोग अपने मांगलिक कार्यक्रम छोड़कर पानी के लिए भटक रहे हैं।" अयोध्या तिवारी , कांग्रेस पार्षद

"यह समय एक-दूसरे की मदद करने और जल की हर बूंद को संभालकर उपयोग करने का है। नगर निगम की विफलता का खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है, लेकिन हम सबको मिलकर इस संकट का सामना करना होगा। कृपया जल का अपव्यय न करें। मांगलिक कार्यक्रमों में भी जल बचत को प्राथमिकता दें। टंकियों, बाल्टियों में सीमित पानी का ही उपयोग करें, क्योंकि जल है तो कल है।"  संतोष दुबे 'पंडा  कांग्रेस पार्षद

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