दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। वीरांगना रानी दुर्गावती के नाम पर स्थापित रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय (आरडीयू) में आयोजित बीएससी सेकेंड ईयर के फाउंडेशन कोर्स की परीक्षा में एक गंभीर और संवेदनशील त्रुटि सामने आई है। 3 मई को आयोजित परीक्षा में पूछे गए प्रश्न क्रमांक-42 में रानी दुर्गावती के 'समाधि स्थल' को 'मकबरा' कहा गया, जिससे छात्रों और इतिहास प्रेमियों में आक्रोश की लहर दौड़ गई है।
प्रश्नपत्र में पूछा गया—"रानी दुर्गावती का मकबरा कहां बना है?" इस प्रश्न के साथ चार विकल्प दिए गए थे—बरेला जबलपुर, बम्हनी जबलपुर, चरगवां जबलपुर और डंडई जबलपुर। सवाल में 'समाधि' की जगह 'मकबरा' जैसे शब्द का उपयोग होना लोगों की आस्था और इतिहासबोध के लिए गहरा झटका साबित हुआ।
छात्रों ने जताई आपत्ति, विश्वविद्यालय में मचा हड़कंप
जैसे ही यह प्रश्न छात्रों के सामने आया, परीक्षा केंद्रों पर कुछ विद्यार्थियों ने तत्काल आपत्ति दर्ज कराई। इसके बाद यह मुद्दा सोशल मीडिया और विभिन्न छात्र संगठनों के माध्यम से तेजी से फैल गया। रानी दुर्गावती के बलिदान को लेकर श्रद्धा रखने वाले वर्गों में इस प्रश्न को लेकर तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली है।
MPSU ने दी चेतावनी, कहा—यह मातृशक्ति का अपमान
मध्य प्रदेश छात्रसंघ (MPSU) के अध्यक्ष अभिषेक पांडे ने इसे रानी दुर्गावती के इतिहास और बलिदान का अपमान बताया है। उन्होंने ने कहा कि यह ऐतिहासिक अज्ञानता का परिणाम है और जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई नहीं की गई तो उग्र प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने मांग की है कि प्रश्नपत्र तैयार करने वाले प्राध्यापकों और संबंधित समिति से जवाब तलब किया जाए।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा—जांच जारी
विश्वविद्यालय प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि यह गलती कैसे हुई, इसका पता लगाया जा रहा है। जांच के आधार पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
इतिहासकारों ने भी जताया विरोध
इतिहासकारों का कहना है कि रानी दुर्गावती की 'समाधि' बरेला के निकट नरई नाला में स्थित है, जिसे 'शहीद स्थल' के रूप में माना जाता है। 'मकबरा' शब्द का उपयोग रानी के सम्मान और उनके ऐतिहासिक योगदान के साथ गंभीर अनादर है।