दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। हिंदू सेवा परिषद, जबलपुर द्वारा जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में अस्थायी डेरों में रह रहे संदिग्ध बांग्लादेशी एवं रोहिंग्या घुसपैठियों की पहचान कर वैधानिक कार्रवाई की मांग को लेकर कलेक्टर महोदय के नाम ज्ञापन सौंपा गया। परिषद ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा, आंतरिक शांति एवं कानून-व्यवस्था से जुड़ा गंभीर विषय बताया है।
ज्ञापन में परिषद ने दावा किया कि जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों और ग्राम पंचायतों में बड़ी संख्या में संदिग्ध लोग अस्थायी डेरों में रह रहे हैं। इनमें गोरखपुर, खमरिया, हनुमानताल, बरेला, गोराबाजार, माढ़ाताल, मझौली, कुंडम सहित अन्य क्षेत्रों का उल्लेख किया गया है, जहां सैकड़ों की संख्या में ऐसे व्यक्तियों के निवास की जानकारी दी गई है।
परिषद ने आरोप लगाया कि इन संदिग्ध व्यक्तियों के पास न तो स्थायी निवास है और न ही भूमि, इसके बावजूद उनके पास आधार कार्ड, पैन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, मूल निवासी प्रमाण पत्र, आयुष्मान कार्ड और बीपीएल कार्ड जैसे दस्तावेज अल्प अवधि में बन गए हैं। परिषद का कहना है कि जांच के दौरान कुछ संदिग्धों के पास वर्ष 2003 की लैमिनेटेड मतदाता सूचियां भी पाई गई हैं, जो जबलपुर की न होकर अन्य जिलों की बताई जा रही हैं।
ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि कई संदिग्ध व्यक्तियों के मोबाइल फोन में नाम के स्थान पर केवल संख्याएं दर्ज हैं, उनकी भाषा, रहन-सहन और शारीरिक बनावट स्थानीय नागरिकों से भिन्न प्रतीत होती है तथा प्रशासनिक गतिविधि बढ़ते ही वे स्थान बदल लेते हैं। कुछ लोगों के पास दोपहिया और चारपहिया वाहन भी पाए जाने का दावा किया गया है।
हिंदू सेवा परिषद ने जिला प्रशासन से Foreigners Act 1946, Passport Act 1967, Citizenship Act 1955, BNSS/CrPC और Aadhaar Act सहित अन्य कानूनी प्रावधानों के तहत कार्रवाई की मांग की है। परिषद की प्रमुख मांगों में विशेष पहचान एवं पृथक्करण अभियान चलाना, संदिग्ध पाए जाने वालों को डिटेंशन में रखना, फर्जी दस्तावेज बनाने वाले एजेंटों व अधिकारियों पर कार्रवाई करना तथा भविष्य में ऐसे डेरों के बसने पर शून्य सहिष्णुता नीति लागू करना शामिल है।
परिषद के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट अतुल जैसवानी ने ज्ञापन में कहा कि यदि 15 दिवस के भीतर ठोस एवं प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई, तो संगठन जनहित में लोकतांत्रिक, शांतिपूर्ण और विधिसम्मत तरीके से अवैध घुसपैठियों को पकड़कर कलेक्ट्रेट परिसर में प्रस्तुत करेगा, जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। परिषद ने स्पष्ट किया कि यह ज्ञापन किसी समुदाय के विरुद्ध नहीं, बल्कि राष्ट्र और नागरिकों की सुरक्षा के उद्देश्य से प्रस्तुत किया गया है।
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