दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। आज ग्वारीघाट एवं अन्य नर्मदा तटों पर बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। वैशाख मास की पूर्णिमा, जिसे बुद्ध पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है, के पावन अवसर पर श्रद्धालु सुबह से ही पवित्र नदी में स्नान करने और दान करने के लिए पहुंचे।
बुद्ध पूर्णिमा का महत्व
बुद्ध पूर्णिमा का विशेष महत्व है क्योंकि इस दिन अनेक पवित्र घटनाएं घटी थीं। मान्यता है कि वैशाख की पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु ने कच्छप अवतार लिया था। इसी दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था, और इसी दिन उन्हें बुद्धत्व की प्राप्ति हुई थी एवं निर्वाण भी प्राप्त हुआ था। इस वजह से इस दिन को बुद्ध पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है।
नर्मदा स्नान का महत्व
आज के दिन पवित्र नर्मदा नदी में स्नान करने का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और चंद्रमा से जुड़ी सभी परेशानियां दूर होती हैं। श्रद्धालु नर्मदा तटों पर स्नान करने के बाद दान-पुण्य करते हैं और भगवान शिव को जलमग्न कर उनकी पूजा-अर्चना करते हैं।
श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़
आज सुबह से ही नर्मदा तटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ जमा हो गई थी। लोग परिवार के साथ स्नान करने आए और पूजा-अर्चना कर अपने कष्टों से मुक्ति पाने की कामना की। घाट पर धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया, जिसमें श्रद्धालुओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
बुद्ध पूर्णिमा के इस पावन अवसर पर नर्मदा तटों पर उमड़ी भीड़ और श्रद्धालुओं के उत्साह ने इस दिन को और भी विशेष बना दिया। इस पावन दिन पर स्नान और दान की परंपराओं का पालन करते हुए श्रद्धालुओं ने अपनी आस्था और भक्ति को प्रकट किया।
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