दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। निजी स्कूलों और बुक सेलर्स के खिलाफ की गई ताबड़तोड़ कार्रवाई के लिए शहर के हर नागरिक ने कलेक्टर दीपक सक्सेना और उनकी पूरी टीम का आभार व्यक्त किया है। सभी का कहना है कि ऐसे अधिकारी जबलपुर या किसी भी शहर में होंगे, तो वह शहर निश्चित ही तरक्की की राह पर चलेगा। गलत तरीके से पैसे कमाने वालों पर इस प्रकार की कार्यवाहियों से लगाम भी कसी जाएगी। जिस तरह से स्कूलों पर कार्रवाई हुई है, उसे देखकर कुछ लोग यह कहने से नहीं चूके कि अगर ऐसे अधिकारी पहले आते तो शायद आज से चार साल पहले कोरोना के समय हम लुटने से बच जाते।
शहर की कुछ गृहणियों ने अपनी प्रतिक्रियाएँ साझा कीं:
दीपमाला सिंह ठाकुर ने कहा, "कलेक्टर साहब ने जो कदम उठाए हैं, उससे हमें बहुत राहत मिली है। बच्चों की शिक्षा के नाम पर लूटने वालों पर नकेल कसना बहुत जरूरी था। हम उनके इस साहसिक कदम की सराहना करते हैं।"
अनीता साहू ने कहा, "यह बहुत खुशी की बात है कि हमारे शहर में ऐसा अधिकारी आया है जो न्याय और पारदर्शिता के लिए खड़ा है। उनकी कार्यवाही ने हमें विश्वास दिलाया है कि अब हमारे बच्चों का भविष्य सुरक्षित है।"
ममता तिवारी ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा,"निश्चित ही कलेक्टर दीपक सक्सेना जी ने यह दिखा दिया कि अगर आप कुछ अच्छा करना चाहते हैं तो किसी प्रकार का दबाव या पहुंच काम नहीं आती। उन्होंने जिस तरीके से स्कूल शुरू होते ही स्कूल माफियाओं पर नजर रखी और अंततः उनको जेल पहुंचाने का काम किया है। यह पूरे प्रदेश के लिए एक उदाहरण बन गया है।"
शशिकांता ठाकुर ने कहा, "हमने पहले कभी नहीं सोचा था कि कोई अधिकारी इस तरह से हमारे हक के लिए खड़ा होगा। दीपक शर्मा जी का धन्यवाद जिन्होंने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया और आवश्यक कदम उठाए।"
पूनम यादव ने कहा, "यह सही समय पर उठाया गया सही कदम है। शिक्षा के क्षेत्र में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए ऐसी सख्त कार्यवाहियों की जरूरत थी। कलेक्टर साहब को धन्यवाद।"
वंदना श्रीवास्तव ने कहा, "हमारी समस्याओं को समझने और उन पर कार्यवाही करने के लिए हम कलेक्टर साहब के आभारी हैं। उनकी मुहिम ने हमें यह सिखाया है कि अपने हक के लिए आवाज उठाना कितना महत्वपूर्ण है।"
इन प्रतिक्रियाओं से स्पष्ट है कि कलेक्टर दीपक सक्सेना की त्वरित और प्रभावी कार्रवाई ने जबलपुर की जनता में एक नई उम्मीद जगाई है। शहरवासियों का मानना है कि ऐसे ईमानदार और निडर अधिकारियों के नेतृत्व में ही सही मायनों में विकास और सुधार संभव है।