Jabalpur News: बरसात के पहले बड़े-बड़े वादे, बरसात आते ही वादे नदारत

दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर
। नगर निगम में जिम्मेदार जनप्रतिनिधि बरसात के पहले शहर को जल प्लावन से बचाने के लिए सदन में बैठकर बड़ी-बड़ी प्लानिंग पर चर्चा करते हैं। लेकिन जैसे ही बरसात शुरू होती है, इन वादों की हकीकत सामने आ जाती है। जब भाजपा का नगर निगम में शासन था, तब भी जल प्लावन से निपटने की बड़ी-बड़ी बातें होती थीं। अब महापौर ने पुनः भाजपा को शासन में ला दिया है, फिर भी स्थिति जस की तस बनी हुई है।

पूर्व महापौर के कार्यकाल में भी जलप्लावन की समस्या जस की तस बनी रही। जब बरसात आई तो यहां तक देखा गया कि एक पूर्व महापौर के घर तक में पानी घुस गया था। ऐसा लगता है जैसे ऊपर वाला भी बताना चाह रहा था कि जबलपुर की जनता जलप्लावन से कितनी परेशान है। लेकिन उन महापौर के 5 साल बीत जाने के बाद भी समस्या का कोई निराकरण नहीं निकला।

उसके बाद कांग्रेस के महापौर रहे जगत बहादुर सिंह अन्नु ने भी जलप्लावन से निपटने की प्लानिंग सदन में रखी। लेकिन अब वे भी भाजपा में शामिल हो गए हैं। शायद उन्हें वह प्लानिंग भी छोड़नी पड़ी होगी जो उन्होंने कांग्रेस के महापौर रहते हुए बनाई थी। 

इस बार बारिश केवल नाम मात्र की हुई है और भाजपा सरकार के मंत्री घुटनों घुटनों पानी में चलकर समस्या से निजात दिलाने की बात कर रहे हैं। महापौर और मंत्री दोनों ही उसी विधानसभा क्षेत्र के हैं, जहां जलप्लावन की समस्या गंभीर है।

पहले जहां भाजपा के पार्षद ने जलप्लावन को लेकर महापौर का विरोध किया था, अब सत्ता पक्ष के पार्षदों को देखना होगा कि कांग्रेस के पार्षद जब जल प्लावन के मुद्दे पर सदन में अपनी बात रखेंगे तो क्या जवाब मिलता है। वर्तमान में बैठक बजट को लेकर बुलाई गई है। कांग्रेस पार्षद दल द्वारा निगम अध्यक्ष से धारा 30 की बैठक बुलाने की मांग की गई है, जिसका मुख्य विषय जलप्लावन ही होगा।

कांग्रेस में रहते समय महापौर द्वारा विभिन्न क्षेत्रों का निरीक्षण किया गया था, लेकिन स्थिति में सुधार के कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। अब देखना होगा कि नई सरकार इस समस्या का समाधान कैसे करती है।

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