दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। नीट पीजी में एडमिशन दिलाने का झांसा देकर साइबर ठगों ने कई अभ्यर्थियों से लाखों रुपये ठग लिए हैं। पीड़ित लोगों ने मामले की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है और आरोपियों को गिरफ्तार करने की कोशिश में जुट गई है।
नीट पीजी की परीक्षा शुरू होने से पहले ही साइबर ठगों ने अपना जाल बिछाना शुरू कर दिया था। आरोपियों ने व्हाट्सएप और टेलीग्राम के जरिए अभ्यर्थियों को मैसेज भेजकर यह विश्वास दिलाने की कोशिश की कि अगर वे पैसे देंगे, तो उनकी सीट पक्की हो जाएगी। इसके लिए ठगों ने अभ्यर्थियों के फॉर्म में लिखे वैकल्पिक और पर्सनल नंबरों का उपयोग किया।
मामले के सामने आने के बाद साइबर सेल और स्टेट पुलिस सक्रिय हो गई है और अपराधियों की तलाश में जुट गई है। 23 जून को होने वाली नीट पीजी परीक्षा में शामिल होने के लिए हजारों मेडिकल स्टूडेंट्स ने आवेदन पत्र जमा किए थे। साइबर ठग छात्रों और उनके अभिभावकों को फोन कॉल कर रहे हैं और उन्हें तरह-तरह के लालच देकर मोटी रकम ऐंठ रहे हैं।
साइबर ठगों ने कई छात्रों और उनके परिजनों से 25 से 50 हजार रुपये तक बतौर एडवांस लेकर उन्हें धोखा दिया है। कुछ अभ्यर्थियों और उनके परिवारों ने इन ठगों के खातों में पैसे भी जमा किए हैं, जिसकी शिकायतें अब साइबर सेल और पुलिस अधिकारियों के पास पहुंच रही हैं। पुलिस का कहना है कि इस तरह की शिकायतें लगातार बढ़ रही हैं और अब इनकी जांच की जा रही है।
साइबर ठगों ने अब तक दर्जनों लोगों को अपना शिकार बनाया है। ठग अभ्यर्थियों के माता-पिता, भाई-बहन या परिवार के किसी भी सदस्य को फोन कर विश्वास में लेकर पैसे ठगते हैं। ठगों के झांसे में आने के बाद जिन अभ्यर्थियों ने पैसे दिए हैं, उनका संपर्क ठगों से नहीं हो पा रहा है और फोन लगाने पर नंबर बंद जा रहा है।
इन साइबर ठगों के पास यह जानकारी भी है कि कौन सा छात्र किस गांव या शहर का रहने वाला है और उसने किस शहर से एमबीबीएस की पढ़ाई की है। ठगों ने जबलपुर, जयपुर, मुंबई, कोलकाता, बैंगलोर और अन्य बड़े शहरों में पीजी एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे छात्रों को अपना शिकार बनाया है। पुलिस और साइबर सेल इस मामले की गंभीरता पूर्वक जांच कर रही है।