दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। जनपद पंचायत पनागर में पिछले दो वर्षों से भ्रष्टाचार चरम पर है, जिसके विरोध में जनपद सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन किया। जनपद पंचायत पनागर में वर्ष 2022 के जून में पंचायत चुनाव हुए थे, जिसमें 20 जनपद सदस्य चुने गए थे। इन सदस्यों को 5वें और 15वें वित्त की राशि के संबंध में किसी भी प्रकार की जानकारी नहीं दी गई है और अनुमोदन की छाया प्रति भी नहीं प्राप्त हुई है।
पिछले दो वर्षों में जारी हुई राशि का आवंटन जनपद पंचायत अध्यक्ष, जनपद सीईओ, और लेखापाल (अशोक गर्ग, संविदा कर्मी) की मिलीभगत से पांच-छः ग्राम पंचायतों में मनमाने तरीके से किया गया है। इस भ्रष्टाचार के विरोध में जनपद सदस्यों ने आज प्रदर्शन किया और जनपद सीईओ को ज्ञापन के माध्यम से संपूर्ण जानकारी मांगी है।
2 जून को सामान्य प्रशासन समिति की बैठक रखी गई थी, जिसमें संविदा कर्मी और लेखापाल अशोक गर्ग का पेमेंट बढ़ाने, उनके कार्यकाल को एक वर्ष के लिए बढ़ाने, और वर्ष 2023-2024 के आय-व्यय का अनुमोदन करने का प्रस्ताव रखा गया था। लेकिन सभी जनपद सदस्यों ने इसका विरोध किया क्योंकि यह विषय सामान्य सभा की बैठक में शामिल होना चाहिए।
जनपद पंचायत पनागर में पिछले दो वर्षों से हो रहे भ्रष्टाचार के विरोध में जनपद सदस्यों ने चेतावनी दी है कि जल्द से जल्द दोषियों पर कार्यवाही की जाए। यदि कार्यवाही नहीं की जाती है, तो जिला कलेक्टर दीपक सक्सेना से मिलकर शिकायत की जाएगी।
विरोध प्रदर्शन में जनपद सदस्य मनीष पटेल के साथ सभापति अरविंद पटेल, सभापति प्रदीप पटेल, जनपद सदस्य राजेंद्र पटेल, सुरेश चढ़ार, प्रकाश ठाकुर, राहुल रजक, गीता मेहरा, सोना रजक, और श्रीमती सुखमती ठाकुर आदि शामिल थे। इन सभी ने आगामी दिनों में उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।