दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। 26 अप्रैल 2024 को अलीराजपुर जिले के जोबट तहसील में 12 साल की एक बालिका के साथ हुए गैंगरेप के बाद कांग्रेस ने राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए थे। घटना के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी और विधायक विक्रांत भूरिया पीड़िता से मिलने उसके घर गए थे। इन कांग्रेस नेताओं पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने सोशल मीडिया पर पीड़िता की तस्वीर साझा कर उसकी पहचान उजागर की, जिससे उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।
जोबट की निवासी संगीता बघेल की शिकायत पर जोबट थाना पुलिस ने जीतू पटवारी और विक्रांत भूरिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। इस मामले में आरोपित कांग्रेस नेताओं ने एफआईआर को चुनौती देते हुए जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की।
हाईकोर्ट की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के वकील वरुण तन्खा ने बताया कि पीड़िता से मुलाकात के दौरान पहचान छिपाने का पूरा ध्यान रखा गया था और लगाए गए आरोप राजनीतिक भावना से प्रेरित हैं। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार, झाबुआ एसपी और शिकायतकर्ता को नोटिस जारी कर 4 हफ्तों में जवाब मांगा है।
वरुण तन्खा ने कोर्ट को यह भी बताया कि पीड़िता के परिवार वालों ने ही याचिकाकर्ताओं को मिलने बुलाया था और कानून की हिदायतों का पालन किया गया था। उन्होंने यह भी बताया कि विधायक विक्रांत भूरिया वहां के स्थानीय प्रतिनिधि हैं, इसलिए उनका वहां जाना जायज था।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक संदेश पोस्ट कर सरकार से त्वरित कार्रवाई की मांग की थी। इस पोस्ट के आधार पर संगीता बघेल ने एफआईआर दर्ज करवाई थी, जिसमें कहा गया कि सोशल मीडिया के जरिए पीड़िता की पहचान उजागर की गई है।
याचिकाकर्ताओं के वकील ने इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताते हुए उन्हें खारिज करने की मांग की है। हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई अगस्त महीने में निर्धारित की है और सभी संबंधित पक्षों से 4 हफ्तों में जवाब तलब किया है।