Hathras Stampede: जानिए कैसे मचती है भगदड़, फँस जाए तो कैसे रखें अपने आप को सुरक्षित ?

Hathras Stampede Tragedy: उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के रतिभानपुर गांव में मंगलवार को एक भयानक भगदड़ मची, जिसमें 120 से ज्यादा लोगों की जान चली गई। मृतकों में बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे शामिल थे। यह भगदड़ भोले बाबा के सत्संग के दौरान हुई, जिसमें अनुमानों से कहीं ज्यादा भीड़ इकट्ठा हो गई थी। यूपी पुलिस ने सत्संग आयोजकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। शिकायत के अनुसार, आयोजकों ने 80 हजार लोगों के लिए कार्यक्रम की अनुमति मांगी थी, लेकिन इसमें करीब 2.5 लाख लोग शामिल हुए।

भगदड़ के कारण

हाथरस की यह घटना पहली नहीं है। भारत में इससे पहले भी मंदिरों और धार्मिक कार्यक्रमों के दौरान ऐसी त्रासदियाँ देखी गई हैं। साल 2013 में आई ‘इंटरनेशनल जर्नल ऑफ डिजास्टर रिस्क रीडक्शन’ की एक स्टडी के मुताबिक, भारत में होने वाली भगदड़ की घटनाओं में 79 फीसदी धार्मिक आयोजनों और तीर्थयात्राओं की वजह से होती हैं।

भगदड़ के सामान्य कारणों में अत्यधिक भीड़, सामूहिक घबराहट, तंग जगह और अव्यवस्थित मैनेजमेंट शामिल हैं। पश्चिमी देशों में ऐसी घटनाएं म्यूजिक कन्सर्ट्स और नाइट क्लब्स में होती हैं, लेकिन भारत जैसे विकासशील देशों में ये ज्यादातर धार्मिक आयोजनों में होती हैं।

एक्सपर्ट्स के अनुसार, भगदड़ आम तौर पर तब मचती है जब भीड़ में पैनिक की स्थिति बन जाती है। यह एंग्जाइटी और डर की वजह से होता है, जिससे लोगों में भागने या लड़ने की प्रवृत्ति एक्टिव हो जाती है। प्रॉपर रास्ते न होने और क्राउड मैनेजमेंट के अभाव में ऐसी ट्रैजेडी की आशंका बढ़ जाती है। बड़े आयोजनों में नियमों और प्रक्रिया का सही तरीके से पालन करके इससे बचा जा सकता है।

भगदड़ में फंसने पर सुरक्षा के उपाय

सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि भगदड़ मचने की संभावना का अंदाजा कैसे लगाया जाए। एक्सपर्ट्स के अनुसार, अगर अनियंत्रित तरीके से लोग इधर-उधर भागते दिखें तो यह भगदड़ का संकेत हो सकता है। अगर ऐसी स्थिति बनती दिखे तो मदद के लिए आवाज लगानी चाहिए।

किसी बड़े प्रोग्राम में शामिल होने से पहले सभी एग्जिट्स का ध्यान रखें। आपात स्थिति में तुरंत बाहर निकलें और उस जगह से दूर चले जाएं। भगदड़ से बचने का सबसे बेहतर तरीका यह है कि पहले से प्रॉपर तैयारी कर ली जाए, जिसमें पर्याप्त जगह और सुरक्षा के इंतजाम हों।

हाथरस की इस त्रासदी ने एक बार फिर से भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा उपायों की अहमियत को उजागर किया है। आयोजकों और प्रशासन को मिलकर ऐसे उपाय करने चाहिए जिससे भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।

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