दैनिक सांध्य बन्धु भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नाथ समुदाय से शवों के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया में बदलाव का अनुरोध किया है। शनिवार को भोपाल के रविंद्र भवन में विमुक्त दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा, "आप समाधि बना देते हैं, लोग चादर चढ़ा देते हैं। इसके बाद परेशानी हमें होती है। पुरखे हमारे हैं और समाधि पर चादर चढ़ाकर फायदा कोई और ले लेता है।"
सीएम ने नाथ समुदाय से समाधि बनाने की परंपरा के स्थान पर दाह संस्कार अपनाने की बात कही। उन्होंने सुझाव दिया कि इस समुदाय को अपने घरों में रहकर उपलब्ध व्यवसायों को अपनाना चाहिए और समय के साथ बदलाव लाने होंगे।
मुख्यमंत्री की घोषणाएं:
- थानों में विमुक्त समाज के लोगों की आपराधिक सूचियों को हटवाया जाएगा।
- जाति प्रमाणपत्र के लिए मूल स्थान को प्राथमिकता दी जाएगी।
- विमुक्त, घुमक्कड़ और अर्ध घुमक्कड़ वर्ग में शामिल न होने वाली जातियों को इसके दायरे में लाया जाएगा।
- इन खास पिछड़ी जातियों के लिए विशेष योजनाएं बनाई जाएंगी।
- श्मशान की कमी को पूरा किया जाएगा।
- पुलिस, सेना, अग्निवीर के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी।
- संभागीय स्तर पर केंद्र खोलने पर विचार किया जाएगा।
- मांगलिक भवन के लिए 20 लाख रुपये की राशि दी जाएगी।
कार्यक्रम में, मंत्री कृष्णा गौर ने समुदाय के डेटा को एकत्रित करने और उसकी समस्याओं के समाधान के लिए कई योजनाओं की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने 'समर्थ पोर्टल' और 'एम समर्थ मोबाइल ऐप' का भी लॉन्च किया, जिससे इन जनजातियों को विकास की मुख्य धारा से जोड़ा जा सके।