Breaking News: बदलापुर यौन शोषण के आरोपी को गोली लगी, पुलिस रिवॉल्वर छीनकर फायरिंग की, जवाबी कार्रवाई में घायल

दैनिक सांध्य बन्धु मुंबई। महाराष्ट्र के बदलापुर में पिछले महीने केजी की 3 और 4 साल की 2 बच्चियों से यौन शोषण के आरोपी अक्षय शिंदे की गोली लगने से मौत हो गई है। जानकारी के मुताबिक, आरोपी ने सोमवार को  न्यायालय ले जाते समय एक पुलिसकर्मी की रिवॉल्वर छीनी और 3 राउंड फायरिंग की। इसमें एक अफसर घायल हो गया।

जवाबी कार्रवाई में आरोपी शिंदे को गोली लगी। गंभीर हालत में उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। घटना शाम साढ़े 5 बजे की है। शुरुआत में जानकारी मिली थी कि आरोपी ने खुद पर ही गोली चलाई।

यौन शोषण की घटना 12 और 13 अगस्त की है। आदर्श स्कूल में 23 साल के स्वीपर अक्षय शिंदे ने दोनों बच्चियों का यौन शोषण किया। इसके बाद दोनों लड़कियां स्कूल जाने से डर रही थीं। माता-पिता को संदेह हुआ। उन्होंने लड़की को भरोसे में लेकर पूछताछ की तो बात सामने आई।

एक पेरेंट्स ने उसी कक्षा की दूसरी लड़की के माता-पिता से संपर्क किया। जब डॉक्टर ने जांच की तो असल घटना सामने आई। वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक शुभदा शितोले ने POCSO का मामला होने के बावजूद एफआईआर दर्ज करने में टालमटोल की। बाद में उन्हे सस्पेंड कर दिया गया।

बच्ची के माता-पिता ने सामाजिक कार्यकर्ताओं की मदद से बदलापुर थाने में शिकायत दर्ज कराई। दो दिन बाद 16 अगस्त शुक्रवार देर रात केस दर्ज किया। 17 अगस्त को आरोपी को गिरफ्तार किया गया। आरोपी अक्षय 1 अगस्त को ही स्कूल में कॉन्ट्रैक्ट पर नियुक्त हुआ था।

घटना को लेकर भीड़ ने 20 अगस्त को सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक बदलापुर स्टेशन पर प्रदर्शन किया था। 10 घंटे से ज्यादा लोकल ट्रेनों की आवाजाही रुकी रही। शाम को पुलिस ने लाठीचार्ज कर रेलवे ट्रैक खाली कराया। तब पुलिस पर भीड़ ने पत्थरबाजी भी की थी।

कैबिनेट मंत्री गिरीश महाजन प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने के लिए बदलापुर स्टेशन पहुंचे, लेकिन उन्हें लौटना पड़ा था। इसके बाद उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एसआईटी गठित करने का ऐलान किया। इसके अलावा, सरकार ने केस फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने की बात कही थी।

राज्य सरकार ने यौन शोषण का केस दर्ज करने से 12 घंटे तक टालते रहे बदलापुर थाने के महिला पुलिस निरीक्षक समेत 3 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया था। साथ ही प्रिंसिपल समेत कुछ स्कूल स्टाफ को भी सस्पेंड किया था।

पुलिस पूछताछ में सामने आया था कि बच्ची उसे दादा (बड़े भाई के लिए मराठी शब्द) कहकर बुलाती थी। बच्ची के मुताबिक, ‘दादा’ ने उसके कपड़े खोले और गलत तरीके से छुआ। स्कूल में जहां घटना हुई थी, वहां महिला कर्मचारी नहीं थी।

महाराष्ट्र राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष सुसीबेन शाह ने आरोप लगाया था कि स्कूल ने बच्चियों के पेरेंट्स की मदद करने के बजाय अपराध को छिपाया। स्कूल समय पर संज्ञान लेकर शिकायत दर्ज करवाता तो अराजक स्थिति से बचा जा सकता था। मामले को लेकर आयोग ने CM एकनाथ शिंदे को रिपोर्ट पेश कर चुका है।

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