दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। प्रदेश में डेंगू के तेजी से बढ़ते मरीजों और मौतों को लेकर हाई कोर्ट ने गहरी चिंता जताई है। नवागत मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति विवेक जैन की युगलपीठ ने राज्य सरकार को एक सप्ताह के भीतर डेंगू की स्थिति पर स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 4 अक्टूबर को होगी।
याचिकाकर्ता और आरटीआई कार्यकर्ता विजय बजाज की ओर से अधिवक्ता आदित्य संघी ने दलील दी कि प्रदेश में डेंगू का प्रकोप गंभीर रूप से फैल रहा है। खासकर, इंदौर और ग्वालियर में डेंगू के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इस दौरान नगरीय निकायों पर फागिंग और स्वच्छता अभियान में लापरवाही बरतने के आरोप लगाए गए।
याचिकाकर्ता ने बताया कि प्रदेश में डेंगू के प्रकोप के पीछे नगरीय निकायों की लापरवाही बड़ी वजह है। फागिंग मशीनों का सही उपयोग नहीं हो रहा है और सघन बसाहट वाले क्षेत्रों में छिड़काव की कमी के कारण स्थिति और बिगड़ रही है। इसके अलावा, सिर्फ वीआईपी इलाकों में फागिंग कराई जा रही है, जबकि गंदी बस्तियों और ग्रामीण क्षेत्रों को नजरअंदाज किया जा रहा है।
अधिवक्ता संघी ने तर्क दिया कि इस बार डेंगू वायरस का नया और मजबूत वेरिएंट सामने आया है, जिससे मौतों की संख्या में भी वृद्धि हो रही है। विशेषज्ञों के अनुसार, यदि कीटनाशक के सही उपयोग के साथ फागिंग और स्वच्छता अभियान पर जोर दिया जाए, तो इस प्रकोप को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।
हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से एक सप्ताह के भीतर डेंगू की स्थिति और उसके नियंत्रण के लिए उठाए गए कदमों पर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं।