Jabalpur News: आज से जैन धर्म के पर्यूषण पर्व की शुरुआत, आज का व्रत उत्तम क्षमा

दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। पर्यूषण पर्व जैन धर्म का एक महत्वपूर्ण धार्मिक उत्सव है, जिसे 10 धाम या 10 धर्मों का पालन करने का पर्व माना जाता है। ये 10 धर्म व्यक्ति के आत्मिक शुद्धिकरण और आध्यात्मिक उन्नति के लिए माने जाते हैं। ये इस प्रकार हैं:- आज बात क्षमा की हैं और धर्म की हैं, जब मैं सोचता हूँ तो मुझे लगता हैं कि धर्म की शुरूआत ही तब होती हैं, जब हमारे भीतर क्षमा भाव का आविर्भाव होता हैं। क्षमा के बिना धर्म नहीं हो सकता। 

क्षमा एक बहुत ही उत्कृष्ट गुण हैं और गरिमा हैं। लोक में प्रायः हम जिस क्षमा की बात करते हैं, वह तो बहुत सतही हैं, जिसमे आप क्षमा माँगते हैं और क्षमा करते हैं पर आज बात उत्तम क्षमा की हैं। हम लोग युगों से क्षमा की बात करते आ रहे हैं, क्षमा की बात सुनते आ रहे हैं। आज मैं कुछ बात आपसे करूँगा कि क्षमा हमारे जीवन में कैसे प्रतिष्ठित हो जिससे ना हमें किसी से क्षमा माँगना पड़े और ना किसी को क्षमा करने की नौबत आये। 

सबसे पहली बात आपको किसी से क्षमा माँगने की नौबत कब आती हैं, कब क्षमा माँगनी पड़ती हैं, जब आप कोई गलती करते हैं तो पहले गलती करो फिर क्षमा माँगो तो रोज गलती करो, रोज क्षमा माँगो और मिच्छामि दुक्खड़म की कहानी चालू कर दो। वो हम आज तक करते आये हैं तो क्षमा माँगने की स्थिति बहुत अच्छी नहीं हैं और फिर क्षमा करो तो क्षमा कब करो? जब किसी से कोई बैर लो, किसी के प्रति वैमनस्य हो, किसी से कोई विद्वेष हो तो उसको क्षमा करो। हम उस भूमिका की बात कर रहे हैं, जहां न क्षमा माँगने की बात हैं, ना जहाँ करने की बात हैं, उसका नाम हैं- उत्तम क्षमा।

मुनि प्रमाणसागर महाराज

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