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आरोपी |
कोर्ट ने कहा- जमानत का दुरुपयोग
शनिवार को जस्टिस विशाल धगट की कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई। कोर्ट ने आदेश में कहा कि आरोपी अपनी जमानत का दुरुपयोग कर पीड़िता पर दबाव बना रहा है। मुख्य आरोपी विनोद कोरी, जो पश्चिम मध्य रेलवे के जबलपुर मंडल में चीफ वेलफेयर इंस्पेक्टर के पद पर तैनात है, पर पहले भी गंभीर आरोप लगे थे। पीड़िता की शिकायत पर 21 अप्रैल को सिविल लाइन थाने में दुष्कर्म का मामला दर्ज किया गया था और 29 अप्रैल 2024 को उसे जेल भेजा गया था। 4 जुलाई 2024 को हाईकोर्ट से उसे सशर्त जमानत मिली थी, जिसमें पीड़िता को परेशान न करने का निर्देश दिया गया था।
पीड़िता का आरोप: पीछा कर दबाव बनाया जा रहा हैपीड़ित ने कोर्ट में आरोपी का फोटो भी पेश की है
पीड़िता की ओर से अधिवक्ता निखिल भट्ट ने 28 अगस्त को हाईकोर्ट में पुन: याचिका दायर की। पीड़िता ने बताया कि आरोपी का तबादला सागर कर दिया गया था और उसे बिना अनुमति जबलपुर आने की मनाही थी, फिर भी वह लगातार जबलपुर आता-जाता रहा। पीड़िता ने आरोपी द्वारा पीछा किए जाने और परेशान किए जाने के फोटो भी कोर्ट में पेश किए।
रेप और ब्लैकमेल का आरोप
पीड़िता ने बताया कि विनोद कोरी ने उसे नौकरी दिलाने के नाम पर ब्लैकमेल किया और रेप किया। ट्रेनिंग के दौरान आरोपी ने उसे धमकाते हुए कहा था कि उसकी बात न मानने पर नौकरी खतरे में पड़ सकती है। इसके बाद आरोपी ने पीड़िता को बार-बार होटल ले जाकर शारीरिक शोषण किया और उसकी अश्लील तस्वीरें खींचकर ब्लैकमेल किया।