दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। पर्यटन किसी भी देश या क्षेत्र की समृद्धि का प्रतीक है और यह सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जबलपुर जिला पर्यटन के लिहाज से बेहद समृद्ध है, जहां प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक धरोहरें पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं।
जबलपुर की सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में भेड़ाघाट की संगमरमरी चट्टानों के बीच से बहती नर्मदा नदी और धुआंधार जलप्रपात शामिल हैं। यहां नर्मदा की लहरें चट्टानों से टकराकर एक अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करती हैं। इसके अलावा, बैलेंसिंग रॉक और ग्वारीघाट जैसे प्राकृतिक स्थलों ने जबलपुर को एक अद्वितीय पर्यटन स्थल बना दिया है।
जबलपुर की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहरें भी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र हैं। चौसठ योगिनी मंदिर, मदन महल का किला, त्रिपुर सुंदरी मंदिर और विष्णु वराह मंदिर जैसे स्थल इस जिले की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक हैं। इसके साथ ही, रानी दुर्गावती की समाधि स्थल और पिसनहारी की मढ़िया भी महत्वपूर्ण धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल हैं।
धार्मिक दृष्टि से भी जबलपुर महत्वपूर्ण है। यहां *कचनार सिटी* में स्थित भगवान भोलेनाथ की विशाल प्रतिमा और *बरगी बांध* पर निर्मित बहुउद्देशीय परियोजना पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण हैं।
शासन और प्रशासन ने इन स्थलों को और अधिक सुलभ बनाने के लिए विभिन्न अधोसंरचनात्मक विकास कार्य किए हैं, जिससे पर्यटकों का आवागमन सुगम हुआ है। जबलपुर में इन पर्यटन स्थलों की यात्रा पर्यटकों के मन में शांति, सौहार्द और समरसता का भाव उत्पन्न करती है।
जबलपुर की प्राकृतिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरें इसे मध्य प्रदेश के सबसे प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक बनाती हैं। विश्व पर्यटन दिवस पर, जबलपुर को एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में पहचानते हुए, यहां की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित और प्रचारित करने का संकल्प लिया जाना चाहिए।