दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। जबलपुर के अधिवक्ता स्वप्निल सराफ ने आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) के पुलिस अधीक्षक रामाधार भारद्वाज, उनकी पत्नी मणी भारद्वाज और उनके पुत्र रुद्रांक्ष भारद्वाज के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2018 के तहत आय से अधिक संपत्ति का गंभीर आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज करवाई है। अधिवक्ता सराफ ने पहले 28 अगस्त और फिर 29 सितंबर 2024 को एसपी लोकायुक्त, एसपी ईओडब्ल्यू और एडीजी भोपाल (ईओडब्ल्यू) को शिकायतें दर्ज करवाई थीं। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने पर उन्होंने जिला न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।
अधिवक्ता सराफ के वकील विजय श्रीवास्तव और उमाशंकर सोनकर ने विशेष न्यायालय (लोकायुक्त) में तर्क प्रस्तुत किए, जिसके बाद अदालत ने मामले को संज्ञान में लिया। दीपावली अवकाश के कारण तत्काल सुनवाई संभव नहीं हो पाई, लेकिन अगली सुनवाई के लिए 5 नवंबर 2024 की तारीख निर्धारित की गई है।
अधिवक्ता सराफ ने भारतीय दंड संहिता 2023 की धारा 223 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 13 (1) (बी) और 13 (2) के तहत कार्रवाई की मांग की है। आरोप के अनुसार, पुलिस अधीक्षक आर डी भारद्वाज के पास उनकी वैध आय से अधिक संपत्ति है, जो भ्रष्टाचार का संकेत देती है। अगर आरोप साबित होते हैं, तो यह राज्य में उच्चाधिकारियों के भ्रष्टाचार के खिलाफ एक मिसाल बनेगा।
इस मामले ने मध्य प्रदेश में कानून व्यवस्था के क्षेत्र में एक नई बहस को जन्म दिया है। न्यायालय द्वारा संज्ञान लेने के बाद जांच का दायरा बढ़ सकता है, और इससे जुड़े दस्तावेज व साक्ष्य अदालत में पेश करने के लिए कहा गया है। विशेष न्यायालय में सुनवाई के बाद ही सच्चाई का खुलासा हो सकेगा, जिससे यह स्पष्ट होगा कि आरोपित अधिकारी पाक साफ हैं या दोषी।
एसपी रामाधार भारद्वाज पर लगे आरोप और विशेष न्यायालय के संज्ञान के बाद इस मामले ने पूरे मध्य प्रदेश का ध्यान खींचा है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ के एक उच्च अधिकारी के खिलाफ यह मामला क्या रुख लेता है।
Tags
jabalpur