दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। पहलगाम आतंकी हमले और भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर बदलती परिस्थितियों के मद्देनजर आयुध निर्माणियों में हलचल तेज हो गई है। फैक्टरी प्रबंधन ने सभी कर्मचारियों और अधिकारियों के अवकाश को निरस्त कर दिया है, और उन्हें तत्काल ड्यूटी पर बुला लिया गया है। भारतीय सेना के लिए गोला-बारूद बनाने वाली एमआईएल ने अपनी सभी इकाइयों के लिए यह आदेश जारी किया है।
आज आयुध निर्माणी खमरिया (ओएफके) में मुख्यालय से आदेश जारी किए गए, जिसमें स्पष्ट किया गया कि सभी अधिकारी कर्मचारी लंबी छुट्टियों को रद्द करते हुए तत्काल कार्य पर लौटेंगे। भारतीय एयर फोर्स के लिए बमों का उत्पादन अब तेज गति से किया जा रहा है। निर्माणियों ने अपने उत्पादन लक्ष्य पर पूरा फोकस किया है, विशेष रूप से उन बमों के उत्पादन पर जो भारतीय वायुसेना के लिए आवश्यक हैं।
उल्लेखनीय है कि जबलपुर की ऑर्डनेंस फैक्ट्री (ओएफजे) से तैयार किए जा रहे ढाई क्विंटल के बम, भारतीय वायुसेना की ताकत को बढ़ा रहे हैं। इन बमों में 250 किग्रा और 120 किग्रा एयर बमों का निर्माण हो रहा है। 250 किग्रा एयर बम का उपयोग सुखोई और जगुआर एयरक्राफ्ट में किया जाता है, जिससे दुश्मन के इलाके में गहरा गड्डा बनता है।
इससे पहले 2016 में भारतीय वायुसेना ने पाक अधिकृत कश्मीर में जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर 1000 पाउंड बम गिराए थे, जो खमरिया में बने थे। इन बमों को 12 साल से खमरिया में तैयार किया जा रहा है। 1000 पाउंड बम का खोल 250 किग्रा धातु से बना होता है और इसके अंदर 250 किग्रा मिश्रण भरा रहता है।