दैनिक सांध्य बन्धु चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा चुनाव में इस बार 67.90% मतदान हुआ, जो 2019 के 67.92% से मामूली 0.02% कम है। हालांकि, इस कमी ने कांग्रेस और बीजेपी दोनों को झटका दिया है। कांग्रेस के 31 विधायकों की सीटों में से 22 सीटों पर वोटिंग में गिरावट देखी गई, जबकि बीजेपी के 11 मंत्रियों और 8 विधायकों की सीटों पर भी कम मतदान हुआ।
कांग्रेस पर गिरावट का असर
कांग्रेस की 31 सीटों में से केवल 9 सीटों पर ही वोटिंग प्रतिशत बढ़ा है। वहीं, 22 सीटों पर वोटिंग में कमी आई, जिसमें सबसे ज्यादा गिरावट कालका सीट पर 14.5% रही। भूपेंद्र हुड्डा की गढ़ी सांपला किलोई सीट पर भी 5.34% वोटिंग घटी। हालांकि एग्जिट पोल में कांग्रेस को बढ़त मिल रही है, लेकिन वोटिंग में आई गिरावट से विधायकों की सीटों पर दबाव बढ़ा है।
BJP को भी नुकसान, 11 मंत्रियों की सीटों पर वोटिंग घटी
बीजेपी के 20 मंत्रियों में से 11 की सीटों पर वोटिंग में गिरावट आई है। सबसे ज्यादा 6.87% की गिरावट महिपाल ढांडा की पानीपत ग्रामीण सीट पर दर्ज हुई, जबकि संजय सिंह की सोहना सीट पर सबसे कम 0.46% की गिरावट रही। अन्य मंत्रियों की सीटों में जगाधरी, लोहारू, पिहोवा, और कलायत जैसी सीटों पर भी मतदान कम हुआ है।
बीजेपी के विधायकों पर प्रभाव
बीजेपी के 8 विधायकों की सीटों पर भी मतदान गिरा है, जिसमें रतिया (5.26%) और तिगांव (3.79%) की सीटें प्रमुख हैं। हालांकि, 12 सीटों पर मतदान में वृद्धि हुई है, जिसमें पानीपत शहरी सीट पर 13.82% का उछाल देखा गया।
मतदान गिरने-बढ़ने के मायने
बीजेपी के लिए वोटिंग में गिरावट इस बात का संकेत है कि पार्टी के कई वोटर नाराज थे और उन्होंने मतदान से दूरी बनाई। वहीं, कांग्रेस के लिए बढ़े हुए मतदान का अर्थ है कि लोग बीजेपी के खिलाफ बदलाव चाहते हैं।