दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। जॉय स्कूल के संचालक अखिलेश मेबन पर प्रशासन का शिकंजा कसने के साथ ही नए मामलों का खुलासा होता जा रहा है। अखिलेश मेबन को हाल ही में जेल भेजा गया था, और पुलिस ने उन्हें 3 दिन की रिमांड पर लिया। पुलिस सूत्रों के अनुसार इस दौरान मेवन ने पुलिस पूछताछ में कोई सहयोग नहीं दिया। इसके बाद पुलिस उसे जेल में पूछताछ करने की तैयारी कर रही थी, इसी बीच अखिलेश मेबन को जमानत मिल गई और वह जेल से बाहर आ गया है।
किया मिली भगत से व्यापक गोल-मोल
अखिलेश मेबन के जेल जाने के बाद, पुलिस ने जप्त किए गए रिकॉर्ड में भारी हेरा-फेरी के मामले का खुलासा किया है। यह भी सामने आया है कि जेडीए, शिक्षा विभाग एवं नगर निगम सहित कुछ अन्य विभागों के कर्मचारी भी मेबन के साथ मिलकर इस गड़बड़ी में शामिल थे। इस मिलीभगत के चलते मेबन ने स्कूल के नाम पर व्यापक गोलमाल किए हैं।
जमीन की अवैध बिक्री
राइट टाउन में जॉय स्कूल को 1990 में 30 साल के लिए 7220 वर्ग फुट जमीन लीज पर दी गई थी। लेकिन 2022 में इस लीज का नवीनीकरण कराते समय, इसे डॉ. राजीव जैन को बेचा गया, जो नियमों का उल्लंघन है। स्कूल की शैक्षणिक गतिविधियों के लिए दी गई थी परंतु आवंटित जमीन को अन्य उद्देश्यों के लिए बेचने का यह मामला गंभीर चिंता का विषय है।
अस्पताल निर्माण पर रोक
इस जमीन पर एक चार मंजिला अस्पताल का निर्माण लगभग पूरा हो चुका था। जब नगर निगम अधिकारियों को पता चला कि यह जमीन शैक्षणिक कार्य के लिए लीज पर दी गई थी, तो उन्होंने नक्शा पास होने पर रोक लगा दी। सूत्रों के अनुसार, पुलिस अब इस मामले के अलावा और कई मामलों में भी अखिलेश मेबन से पूछताछ कर सकती है। प्रशासन ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई का संकेत दिया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि स्कूल के नाम पर चल रही गड़बड़ियों को समाप्त करने के लिए प्रशासन गंभीर है।