नवरात्रि विशेष: कटनी के निकट स्थित अनोखा मंदिर जहां नेत्र रूप में होती है मां की आराधना

दैनिक सांध्य बन्धु कटनी। बरही रोड पर स्थित मां कंकाली धाम निगहरा का अनोखा इतिहास और धार्मिक महत्व है। यह मंदिर कटनी से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और यहां मां कंकाली को नेत्र रूप में पूजा जाता है। स्थानीय लोग मानते हैं कि मां कंकाली का प्रकट होना एक चमत्कारिक घटना थी।

गाँव के विभाष दुबे के अनुसार, एक बार एक बर्मन पानी भरते समय कुएं से मां कंकाली प्रकट हुईं और बाद में ब्राह्मण के घर में एक घड़े से नेत्र रूप में तैरते हुए दिखाई दीं। इसके बाद माँ कंकाली ने गाँव के पंडित को स्वप्न में दर्शन दिए और अपनी स्थापना पहाड़ी पर करवाने का आदेश दिया। तब से, ग्रामीणों द्वारा विधि-विधान से यहां माँ कंकाली की स्थापना की गई।

मंदिर की प्रमुख विशेषता यह है कि हर साल नवरात्रि के दौरान यहाँ जवारा कलशों की संख्या स्वतः बढ़ जाती है। भक्तजन यहां कलश स्थापित कराते हैं और हर साल 500 से 1000 कलश गिनती में बोए जाते हैं, लेकिन 3-5 कलश अपनी संख्या बढ़ा लेते हैं, जिसका रहस्य आज तक कोई समझ नहीं पाया है।

मंदिर लगभग 80 वर्षों से अधिक पुराना है, और नवरात्रि के दौरान यहां 300 सीढ़ियों को पार करके सैकड़ों श्रद्धालु मां कंकाली के दर्शन के लिए आते हैं। इस साल शारदीय नवरात्रि गुरुवार से प्रारंभ हो रही है, और देवी पुराण के अनुसार, मां दुर्गा का आगमन डोली से हो रहा है, जो सुख और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।

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