दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। एक प्रेम विवाह के मामले ने तूल पकड़ लिया, जब दो अलग-अलग समुदायों के युवक-युवती के शादी का आवेदन सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस घटना के बाद हिंदूवादी संगठनों ने सिहोरा शहर को बंद करने का आह्वान किया। विवाद बढ़ने पर मामला हाईकोर्ट पहुंचा, जहां अदालत ने युवती को 15 दिनों के लिए नारी निकेतन भेजने का आदेश दिया, जबकि युवक को पुलिस सुरक्षा प्रदान की गई है।
यह मामला तब सामने आया जब इंदौर की 27 वर्षीय युवती, जो एक प्राइवेट टेलिकॉम कंपनी में काम करती है, ने अपने 29 वर्षीय प्रेमी के साथ रजिस्टर्ड मैरिज का निर्णय लिया। दोनों पिछले तीन साल से एक-दूसरे को जानते थे और एक ही कंपनी में काम कर रहे थे। युवती ने 16 अक्टूबर को अपने परिजनों को एक पत्र भेजा, जिसमें उसने अपने रजिस्टर्ड मैरिज की जानकारी दी। इसके बाद युवती के भाई ने इंदौर के राउ थाने में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।
युवती और युवक के अलग-अलग समुदाय से होने के कारण, मामला और अधिक गरमा गया। हिंदूवादी संगठनों और स्थानीय नेताओं ने इसे "लव जिहाद" का मामला बताया और जोरदार विरोध किया। इस विरोध के चलते सिहोरा शहर बंद रहा और मामले ने राजनीतिक रंग भी पकड़ लिया।
युवक द्वारा अपनी सुरक्षा के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए युवती को 15 दिनों के लिए नारी निकेतन भेजने का आदेश दिया, ताकि वह किसी भी बाहरी दबाव से सुरक्षित रह सके। साथ ही, युवक को पुलिस सुरक्षा प्रदान की गई है ताकि उसकी जान को कोई खतरा न हो।
फिलहाल मामले की जांच चल रही है और अदालत ने युवती की सुरक्षा और उसके बयान के आधार पर आगे के फैसले का निर्देश दिया है।