दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। म्युनिशंस इंडिया लिमिटेड की जबलपुर स्थित आयुध निर्माणी खमरिया (ओएफके) में हुई रशियन मिसाइल पिकोरा के विस्फोट मामले में श्रम मंत्रालय भी जांच करेगा। यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब प्रबंधन ने इस हादसे से जुड़े सभी पहलुओं की जानकारी देने के लिए गंभीरता से तैयारी शुरू कर दी है।
22 अक्टूबर को सुबह 10:20 बजे ओएफके के सेक्शन एफ में हुए विस्फोट ने शहर के वासियों को भूकंप आने जैसा अहसास कराया। इस घटना में चार कर्मचारी, जिनमें अलेक्जेंडर टोयो और रणधीर कुमार की मौत हो गई, घायल हो गए। इस मामले की गहन जांच के लिए श्रम मंत्रालय ने ओएफके प्रबंधन से कर्मचारी सुरक्षा के संदर्भ में निर्धारित मानकों और नियमों का पालन करने की पुष्टि मांगी है।
जांच में मुख्य रूप से यह सवाल उठाया जाएगा कि क्या कर्मचारियों को रशियन पिकोरा मिसाइल को खोलने की उचित ट्रेनिंग दी गई थी। रशिया की निर्माता कंपनी ने भी इस मिसाइल को खोलने का कार्य करने से इनकार किया था, जो इस काम की जोखिम को दर्शाता है।
सूत्रों के अनुसार, ओएफके द्वारा पुराने रशियन मिसाइल को खोलने का कार्य संभवतः पहली बार किया गया था। इस प्रक्रिया के दौरान हुए हादसे से पहले, 2018 में बालासोर में इसी प्रकार के एक हादसे ने भी चिंता पैदा की थी।
रशियन विशेषज्ञों ने भी इस परियोजना को लेकर चेतावनी दी थी कि ओएफके प्रबंधन द्वारा उठाए गए कदम पूरे जबलपुर शहर के लिए घातक साबित हो सकते हैं। इसके पहले, विशेषज्ञों ने मिसाइल को बॉयल आउट करने का कार्य दिखाया था और इस काम में न्यूनतम 20 से 25 दिन का समय निर्धारित किया था। लेकिन ओएफके में यह काम तेजी से किया जा रहा था, जिससे सुरक्षा मानकों का उल्लंघन हो सकता है।
श्रम मंत्रालय ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत कार्यवाही करने का निर्णय लिया है। प्रबंधन को जल्द ही सभी आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। जांच के परिणामों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।