दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। भैंसासुर मार्ग पर पिछले तीन दशक से मांस-मछली का व्यापार कर रहे दुकानदारों ने सोमवार को केंट बोर्ड की हालिया तोड़फोड़ कार्रवाई के विरोध में जमकर प्रदर्शन किया। गुस्साए व्यापारियों ने केंट बोर्ड कार्यालय के सामने धरना देते हुए अपनी क्षति की भरपाई और नई दुकानों के पुनर्निर्माण की मांग की।
व्यापारियों ने आरोप लगाया कि 17 दिसंबर 2024 को केंट बोर्ड ने बिना किसी पूर्व नोटिस के पुलिस बल के साथ आकर उनकी दुकानों को तोड़ दिया। इस कार्रवाई से न केवल उनकी संपत्ति को लाखों रुपये का नुकसान हुआ, बल्कि उनके परिवारों की आजीविका पर भी संकट खड़ा हो गया। दुकानदारों का कहना है कि यह उनके जीवन यापन का एकमात्र साधन था।
दुकानदारों ने बताया कि वर्ष 2014 में छावनी परिषद ने उन्हें मार्केट में दुकानें पुनः आवंटित की थीं और किराया भी नियमित रूप से लिया जा रहा था। अचानक की गई कार्रवाई ने उन्हें असहाय स्थिति में पहुंचा दिया है। धरने में बड़ी संख्या में व्यापारी और उनके परिजन शामिल हुए। उन्होंने कहा कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो वे उग्र आंदोलन करने को मजबूर होंगे। व्यापारियों ने छावनी परिषद से अपील की है कि उनकी क्षति का आकलन कर उचित मुआवजा दिया जाए और नई दुकानों के निर्माण की व्यवस्था जल्द से जल्द की जाए।
व्यापारियों की प्रमुख मांगें:
1. नुकसान की भरपाई:
व्यापारियों ने तोड़फोड़ से हुए आर्थिक नुकसान के लिए मुआवजा देने की मांग की।
2. पुनर्वास की व्यवस्था:
मटन-मछली मार्केट के लिए अन्यत्र स्थान पर उचित व्यवस्थाएं की जाएं।
3. नियमों का पालन जारी:
व्यापारियों का कहना है कि वे शासन के आदेशों के तहत साफ-सफाई और बंद में ढांककर मांस बेचने के निर्देशों का पालन कर रहे थे।