दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। चरगंवा क्षेत्र में करोड़ों की जमीन हड़पने के लिए एक किसान को मृत घोषित करने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। इस फर्जीवाड़े में तत्कालीन पटवारी राजेंद्र कुंजे ने गांव के चार अन्य लोगों के साथ मिलकर किसान हल्के प्रसाद गौड़ की 14 एकड़ जमीन अपने नाम करवा ली।
फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाकर कब्जा
यह मामला पिपरिया गांव का है, जहां पटवारी राजेंद्र कुंजे ने मुख्तार सिंह गौड़, उसके भाई अठई, रामप्रसाद और रिश्तेदार हाकम सिंह के साथ मिलकर हल्के प्रसाद गौड़ का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र तैयार किया। इसके बाद, 14 एकड़ जमीन को अपने और अपने साथियों के नाम करवा लिया। इतना ही नहीं, आरोपियों ने जमीन पर खेती भी शुरू कर दी।
नामांतरण के दौरान खुला फर्जीवाड़ा
नरसिंहपुर जिले के करेली निवासी हल्के प्रसाद गौड़ की वास्तविक मृत्यु के बाद उनकी पत्नी शांति बाई जमीन का नामांतरण करवाने के लिए जब चरगंवा पहुंचीं, तो उन्हें इस फर्जीवाड़े का पता चला। 2016 में ही जमीन मुख्तार सिंह और अन्य के नाम हो चुकी थी। इस पर शांति बाई ने तुरंत चरगंवा थाना पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई।
जांच में फर्जीवाड़ा साबित
पुलिस जांच में यह स्पष्ट हुआ कि पटवारी और अन्य चार लोगों ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर जमीन पर कब्जा किया था। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस ने बताया कि इस मामले में शामिल अन्य संभावित आरोपियों की जांच की जा रही है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या इससे पहले भी ऐसे फर्जीवाड़े को अंजाम दिया गया है। सभी आरोपियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, किसान की जमीन उसके परिजनों को वापस दिलाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
लोग प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि पटवारियों और अन्य सरकारी अधिकारियों के कामकाज की गहन जांच की जाए, ताकि भविष्य में इस तरह के फर्जीवाड़े न हो सकें।