सोशल मीडिया पर वायरल इस तस्वीर ने पाकिस्तान में धार्मिक और सांस्कृतिक बहस छेड़ दी है। आलोचक इस तरह से हाथ मिलाने को शरीयत के खिलाफ बता रहे हैं और मरियम नवाज की आलोचना कर रहे हैं। दूसरी ओर उनके समर्थक इसे आधुनिक प्रोटोकॉल का हिस्सा मानकर जायज ठहरा रहे हैं।
इस्लामी कानून के मुताबिक महिला को महरम यानी परिवार के करीबी पुरुष के अलावा अन्य किसी पुरुष के साथ शारीरिक संपर्क से बचना चाहिए। इस संदर्भ में मरियम नवाज का किसी गैर-महरम से हाथ मिलाना कई कट्टरपंथियों को आपत्तिजनक लगा। पूर्व पीएम इमरान खान के समर्थकों ने इस मामले को लेकर मरियम पर निशाना साधा, जबकि मरियम के समर्थकों ने इमरान के पिछले कार्यकाल की तस्वीरें साझा कर, उन्हें भी कटघरे में खड़ा कर दिया।
पाकिस्तानी यूट्यूबर मंसूर अली खान ने कहा कि मरियम नवाज ने गैर-महरम से हाथ मिलाकर गलत किया है, तो इमरान खान के भी कई अंतरराष्ट्रीय महिला नेताओं से हाथ मिलाने को गलत माना जाना चाहिए। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने इस मुद्दे को तूल देने की आलोचना करते हुए कहा कि हाथ मिलाने को लेकर विवाद पैदा करना अनावश्यक है।
वहीं, कुछ लोगों ने मरियम नवाज पर पिछली जांच में शरीयत का हवाला देकर शामिल न होने के कारण उनका दोहरा चेहरा उजागर किया है। मरियम नवाज और यूएई राष्ट्रपति की मुलाकात ने पाकिस्तान में धर्म, राजनीति और आधुनिक प्रोटोकॉल पर एक अहम बहस छेड़ दी है। यह विवाद इस बात का प्रतीक है कि कैसे छोटे मुद्दों को राजनीतिक हथियार बना दिया जाता है। इसको लेकर अभी मरियम नवाज की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।