दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। बोर्ड परीक्षाओं का समय नजदीक आते ही छात्रों पर अच्छे नंबर लाने का दबाव बढ़ जाता है। इस मौके का फायदा उठाने के लिए साइबर ठग सक्रिय हो जाते हैं और टेलीग्राम पर फर्जी प्रश्न-पत्र बेचने के नाम पर धोखाधड़ी करते हैं।
पिछले साल ऐसे कई मामले सामने आए थे, जहां ठगों ने पुराने प्रश्न-पत्रों के वीडियो बनाकर उन्हें असली बताने का दावा किया। छात्रों से पैसे ऐंठने के बाद ये ग्रुप बंद कर दिए जाते हैं। पुलिस की जांच में सामने आया कि इन फर्जी पेपर का हकीकत से कोई लेना-देना नहीं होता, लेकिन छात्र इन पर भरोसा कर मानसिक तनाव में आ जाते हैं।
जनवरी में कक्षा 10वीं और 12वीं के प्री-बोर्ड के सभी पेपर सोशल मीडिया पर वायरल हो गए थे। कुछ मामलों में परीक्षा से 6 से 21 घंटे पहले पेपर सोशल मीडिया पर उपलब्ध थे। हालांकि, जांच में ये सभी पेपर फर्जी निकले।
साइबर ठग क्यूआर कोड के जरिए पैसे ऐंठते हैं और मेंबरशिप के नाम पर छात्रों को जोड़कर ठगी करते हैं। इससे सतर्क रहने की जरूरत है। पुलिस और प्रशासन की ओर से छात्रों और अभिभावकों को चेतावनी दी गई है कि वे किसी भी गेसिंग पेपर या लीक पेपर पर भरोसा न करें।