दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। जिले में बुजुर्गों के लिए आयुष्मान कार्ड बनाने की प्रक्रिया बेहद धीमी गति से चल रही है। स्वास्थ्य विभाग को जिले में 1 लाख 34 हजार बुजुर्गों के कार्ड बनाने का लक्ष्य मिला था, लेकिन छह महीने बाद भी केवल 28% बुजुर्गों के ही कार्ड बन पाए हैं।
बायोमेट्रिक स्कैनिंग सबसे बड़ी चुनौती
स्वास्थ्य विभाग के सीएमएचओ डॉ. संजय मिश्रा के अनुसार, कार्ड निर्माण में सबसे बड़ी बाधा तकनीकी समस्याएं हैं। बुजुर्गों की उम्र के कारण उनके हाथों की लकीरें और आंखों की पुतलियां स्कैन नहीं हो पा रही हैं, जिससे बायोमेट्रिक अपडेट में दिक्कत आ रही है।
अन्य चुनौतियां भी बनीं परेशानी
14 हजार बुजुर्गों की हो चुकी है मृत्यु – विभाग को दी गई सूची में कई ऐसे बुजुर्ग शामिल थे, जिनका अब निधन हो चुका है।
कुछ लोग जिले से हो चुके हैं बाहर – कई बुजुर्ग जबलपुर छोड़कर अन्य स्थानों पर चले गए हैं।
मोबाइल नंबर अपडेट न होने से हो रही दिक्कत – कई बुजुर्गों ने अपने मोबाइल नंबर बदल लिए हैं, जिससे आधार अपडेट नहीं हो पा रहा है।
अब तक कितने बने कार्ड?
पहले जिले को 1 लाख 84 हजार बुजुर्गों का लक्ष्य दिया गया था, जिसे बाद में घटाकर 1 लाख 36 हजार कर दिया गया। अब तक 31 हजार से अधिक बुजुर्गों के कार्ड बन चुके हैं। इसके अलावा, 34 हजार बुजुर्गों के पास पहले से ही सीजीएचएस (CGHS) की सुविधा उपलब्ध है।
स्वास्थ्य विभाग जल्द से जल्द इस प्रक्रिया को पूरा करने की दिशा में काम कर रहा है, लेकिन तकनीकी बाधाओं के चलते यह लक्ष्य समय पर पूरा होना मुश्किल नजर आ रहा है।
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