दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। जबलपुर में प्रस्तावित डेयरी साइंस कॉलेज की स्थापना को लेकर सरकार की ढुलमुल नीति और उदासीन रवैये से जनता में गहरा रोष व्याप्त है। विधायक लखन घनचोरिया ने विधानसभा में नियम 138(1) के तहत मंत्री के ध्यानाकर्षण के लिए सूचना प्रस्तुत की, जिसमें उन्होंने सरकार की कथनी और करनी के अंतर को उजागर किया।
सरकार के आश्वासन और वास्तविकता में बड़ा अंतर!
गौरतलब है कि जबलपुर में डेयरी साइंस कॉलेज को उज्जैन शिफ्ट किए जाने के खिलाफ भारी विरोध के बाद 26 नवंबर 2024 को स्वयं मंत्री जी ने जबलपुर में घोषणा की थी कि यह कॉलेज जबलपुर से नहीं जाएगा। लेकिन जब विधायक घनचोरिया ने सरकार से इस विषय में प्रश्न किया, तो सरकार की ओर से दिए गए लिखित उत्तर में स्पष्ट किया गया कि कॉलेज को अन्यत्र स्थानांतरित करने की कोई सक्षम स्वीकृति नहीं है। इसके बावजूद, आज तक सरकार ने जबलपुर में कॉलेज की स्थापना को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
पाँच वर्षों से लंबित डी.पी.आर. – आखिर क्यों?
वेटरनरी यूनिवर्सिटी ने इमलिया क्षेत्र में 14 हेक्टेयर भूमि आवंटित करने का निर्णय लिया था, और इसके लिए 65 करोड़ रुपये की डी.पी.आर. (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) शासन को अनुमोदन के लिए भेजी गई थी। लेकिन पाँच वर्षों के लंबे इंतजार के बावजूद सरकार ने इसे अब तक स्वीकृति नहीं दी है!
जनता को गुमराह करने की कोशिश? : मंत्री
मंत्री के जवाब में कहा गया है कि "पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय, जबलपुर में डेयरी साइंस पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए तर्कसंगत व उचित वित्तीय अनुमानों के अनुरूप प्राक्कलन प्राप्त होने के बाद ही निर्णय लिया जाएगा।"
सवाल यह उठता है कि आखिर सरकार को इस प्राक्कलन को स्वीकृति देने में इतना समय क्यों लग रहा है?
क्या जबलपुर के छात्रों को उनके अधिकार से वंचित करने की कोई साजिश चल रही है?
क्या सरकार जबलपुर के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है?
विधायक लखन घनचोरिया ने सरकार से दो टूक सवाल किए हैं –
- जब जबलपुर में कॉलेज की स्थापना का वादा किया गया था, तो अब तक इसे लटकाने का क्या कारण है?
- जबलपुर की जनता और छात्र आखिर कब तक सरकार की बेरुखी झेलते रहेंगे?
- अगर सरकार जल्द फैसला नहीं लेती, तो क्या यह जनता के साथ विश्वासघात नहीं होगा?
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या सरकार जबलपुर के युवाओं को उनका अधिकार देगी, या फिर इस प्रोजेक्ट को ठंडे बस्ते में डालकर जनता को गुमराह करती रहेगी?
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