दैनिक सांध्य बन्धु ग्वालियर। ग्वालियर की रेलवे कॉलोनी में एक दर्दनाक हादसे में पांच वर्षीय मासूम की नाले में गिरने से मौत हो गई। घटना के समय उसके माता-पिता रेलवे साइट पर मजदूरी कर रहे थे। जब स्थानीय बच्चों ने परिजनों को इसकी सूचना दी, तब तक मासूम दम तोड़ चुका था।
मृतक साहिल चौधरी का परिवार पश्चिम बंगाल से ग्वालियर मजदूरी के लिए आया था। परिवार रेलवे स्टेशन के निर्माण कार्य में काम कर रहा था और ठेकेदार ने उन्हें रेलवे कॉलोनी के पास रहने की व्यवस्था दी थी। साहिल अपनी बड़ी बहन के साथ घर के पास खेल रहा था, तभी वह असंतुलित होकर नाले में गिर पड़ा।
मासूम की मौत से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा, लेकिन गरीबी ने उनकी बेबसी को और गहरा कर दिया। माता-पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराने से इनकार कर दिया और जल्द ही बेटे का अंतिम संस्कार कर दिया। परिवार के पास इतना वक्त नहीं था कि वे शोक मना सकें, क्योंकि अगर वे काम पर नहीं लौटते, तो ठेकेदार उन्हें काम से निकाल सकता था।
परिवार बंगाली भाषी होने के कारण हिंदी सही से नहीं बोल पाता, जिससे वे अपना दुख और स्थिति किसी को ठीक से बता भी नहीं पाए। उन्हें यह तक नहीं पता कि साहिल खुद गिरा या किसी ने उसे धक्का दिया।
गरीबी के चलते साहिल के माता-पिता ने बेटे को खोने के बाद भी काम छोड़ने का जोखिम नहीं उठाया। अंतिम संस्कार के अगले ही दिन वे मजदूरी पर लौट गए, क्योंकि उनके लिए रोजी-रोटी की चिंता, अपने ही दुख से बड़ी थी।