Jabalpur News: सुप्रीम कोर्ट से अग्रिम जमानत खारिज, फिर भी गिरफ्तारी पर रोक, हाई कोर्ट ने जबलपुर आईजी से मांगा जवाब

दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। खनिज कारोबारी महेंद्र गोयनका और यूरो प्रतीक इस्पात इंडिया लिमिटेड से जुड़े एक धोखाधड़ी के मामले में हाई कोर्ट ने जबलपुर आईजी के उस पत्र पर सख्त सवाल उठाए हैं, जिसमें सुप्रीम कोर्ट द्वारा अग्रिम जमानत खारिज होने के बावजूद तीन आरोपियों की गिरफ्तारी पर रोक लगाई गई थी।

जस्टिस विशाल मिश्रा की एकलपीठ ने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट ने तक आरोपियों की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी, तो आईजी गिरफ्तारी रोकने का आदेश कैसे जारी कर सकते हैं? कोर्ट ने इसे न्यायिक प्रक्रिया में गंभीर हस्तक्षेप माना और आईजी को अगली सुनवाई में स्वयं उपस्थित होकर जवाब देने का निर्देश दिया है। अगली सुनवाई 29 अप्रैल को तय की गई है।

कटनी निवासी हरनीत सिंह लाम्बा की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि उन्हें 2018 में रायपुर स्थित कंपनी का डायरेक्टर बनाया गया था, लेकिन बाद में हिमांशु श्रीवास्तव, सन्मति जैन, सुनील अग्रवाल और लाची मित्तल ने उन्हें और सुरेंद्र सिंह सलूजा को बिना सूचना के डायरेक्टर पद से हटा दिया।

इस मामले में 27 जुलाई 2024 को कटनी के कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज हुई थी। सुप्रीम कोर्ट तक से आरोपियों की अग्रिम जमानत खारिज होने के बावजूद आईजी जबलपुर द्वारा 9 अक्टूबर 2024 को पत्र जारी कर गिरफ्तारी पर रोक लगा दी गई थी, जिससे न्यायिक प्रक्रिया पर सवाल उठे हैं।

कोर्ट को यह भी जानकारी दी गई कि 24 अप्रैल को रायपुर में कंपनी की जनरल मीटिंग होने जा रही है, जिसमें याचिकाकर्ता को डायरेक्टर पद से हटाने की तैयारी है। इस पर हाई कोर्ट ने डीजीपी को निर्देश दिया कि अगली सुनवाई तक कोई बैठक आयोजित न की जाए।

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