दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। शहर में इन दिनों तेज गर्मी का कहर जारी है। तापमान लगातार 43 डिग्री सेल्सियस के पार बना हुआ है, जिससे आमजन से लेकर प्रशासन तक चिंता में है। इसी बीच गुजरात के सूरत में जिला प्रशासन द्वारा दोपहर 1:00 से 3:30 बजे तक ट्रैफिक सिग्नल बंद करने के फैसले की चर्चा अब जबलपुर में भी तेजी से शुरू हो गई है। शहरवासियों और सामाजिक संगठनों ने इस मॉडल को जबलपुर में भी लागू करने की मांग शुरू कर दी है।
गौरतलब है कि सूरत जिला प्रशासन ने यह निर्णय गर्मी के प्रकोप से आम नागरिकों, खासकर दोपहिया वाहन चालकों, बुजुर्गों और बच्चों को राहत देने के उद्देश्य से लिया था। इस दौरान ट्रैफिक पुलिस को सिग्नल पर खड़े होकर मैन्युअल रूप से ट्रैफिक कंट्रोल करने की जिम्मेदारी दी गई है ताकि वाहन चालक सिग्नल पर खड़े होकर तेज धूप में झुलसने से बच सकें। यह व्यवस्था लोगों को राहत पहुंचाने में कारगर साबित हो रही है।
जबलपुर के विभिन्न सामाजिक संगठनों और ट्रैफिक एक्सपर्ट्स का मानना है कि दोपहर के समय ट्रैफिक सिग्नल पर गाड़ियों का रुकना और वहां पर बिना छाया के खड़े रहना लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकता है। शहर के ट्रैफिक चौराहों पर चलने वाले ऑटो चालक, बाइक सवार और आमजन गर्मी में बेहाल हो रहे हैं। कई जगहों पर हीट स्ट्रोक के मामले भी सामने आने लगे हैं।
स्थानीय निवासी अविनाश मोटवानी का कहना है कि जब सूरत जैसा बड़ा शहर इस मॉडल को अपनाकर लोगों को राहत दे सकता है, तो जबलपुर में भी प्रशासन को इस दिशा में कदम उठाना चाहिए। वहीं, एक ट्रैफिक पुलिसकर्मी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि दोपहर के समय धूप में खड़े रहना वाकई चुनौतीपूर्ण हो जाता है। अगर सिग्नल बंद कर ट्रैफिक मैन्युअली संचालित किया जाए तो यह खुद ट्रैफिक पुलिसकर्मियों के लिए भी राहत भरा कदम होगा।
अब नजरें जबलपुर जिला प्रशासन और ट्रैफिक विभाग पर टिकी हैं। लोग उम्मीद कर रहे हैं कि सूरत की तर्ज पर यहां भी दोपहर के समय ट्रैफिक सिग्नल बंद कर मैन्युअल संचालन की पहल की जाएगी। इससे आमजन को तेज गर्मी से कुछ राहत मिलेगी और शहर में मानव-केन्द्रित ट्रैफिक व्यवस्था की दिशा में एक सकारात्मक कदम होगा।