Jabalpur News: आधी नींद और पानी की कमी से बढ़ रहे माइग्रेन के मामले

दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। तेज गर्मी ने माइग्रेन (आधासीसी) के मरीजों की संख्या में इजाफा कर दिया है। सरकारी से लेकर निजी अस्पतालों में रोजाना दर्जनों मरीज माइग्रेन के लक्षणों के साथ पहुंच रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार गर्मी में माइग्रेन के ट्रिगर्स तेजी से सक्रिय हो जाते हैं। लगातार धूप में रहना, डिहाइड्रेशन, नींद की कमी और तनाव इसके मुख्य कारण बन रहे हैं।

न्यूरोलॉजिस्ट के मुताबिक माइग्रेन एक न्यूरोलॉजिकल समस्या है, जिसमें सिर के एक या दोनों तरफ तेज धड़कते दर्द के साथ मतली, उल्टी, चक्कर और रोशनी व आवाज के प्रति संवेदनशीलता देखी जाती है। यह दर्द मामूली सिरदर्द नहीं बल्कि शरीर की कार्यक्षमता को प्रभावित करने वाली गंभीर अवस्था है।

गर्मी में माइग्रेन से बचने के लिए कुछ जरूरी उपाय हैं — भरपूर पानी पिएं, धूप से बचें, शांत वातावरण में रहें, पर्याप्त नींद लें और उपवास या खाली पेट रहने से परहेज करें। मौसमी फलों का सेवन और डॉक्टर द्वारा सुझाई गई दवाएं नियमित लेना भी लाभदायक है।

विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि पनीर, चायनीज, चॉकलेट, पिज्जा, परफ्यूम, अगरबत्ती की गंध, और हार्मोनल बदलाव जैसे कारण भी माइग्रेन को बढ़ा सकते हैं। मोबाइल, टीवी और कंप्यूटर की स्क्रीन से दूरी और तनाव से राहत भी माइग्रेन को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है।

गर्मी के इस मौसम में माइग्रेन को हल्के में न लें। यह न केवल स्वास्थ्य को बल्कि आपकी कार्यक्षमता को भी प्रभावित कर सकता है। सतर्कता और समय पर उपाय अपनाकर इस समस्या से राहत पाई जा सकती है।

Post a Comment

Previous Post Next Post